नई दिल्ली। ऑनलाइन खाना ऑर्डर और डिलीवरी की सुविधा देने वाले प्लेटफॉर्म जोमैटो (Zomato) ने गुरुवार को कहा कि उसने अपनी सहयोगी जोमैटो यूएसए एलएलसी को खत्म कर दिया है और वहां से अपना कारोबार समेट लिया है। जोमैटो ने नियामकीय सूचना में कहा कि कंपनी की स्टेप-डाउन सब्सिडियरी जोमैटो यूएसस एलएलसी को खत्म कर दिया गया है और उसका कारोबार समेट लिया गया है।
कंपनी ने अपने बयान में कहा कि जोमैटो यूएस एलएलपी कंपनी की मैटेरियल सब्सिडियरी नहीं थी और न ही इसकी कोई कारोबारी गतिविधि थी। इसके बंद होने से कंपनी के टर्नओवर/रेवेन्यू पर कोई असर नहीं पड़ेगा। नियामकीय सूचना में कहा गया है कि कंपनी को 18 अगस्त, 2021 को जोमैटो यूएसए एलएलसी को खत्म करने की बारे में प्राधिकरण से पत्र मिला था, जो 17 अगस्त, 2021 से प्रभावी है।
जोमैटो पेमेंट्स का हुआ गठन
जोमैटो ने हाल ही में जोमैटो पेमेंट्स प्राइवेट लि. के नाम से पूर्ण अनुषंगी इकाई बनाई है। भारतीय रिजर्व बैंक के नियमों के तहत कंपनी का गठन भुगतान एग्रीगेटर सेवाएं और भुगतान गेटवे सेवाएं प्रदान करने के कारोबार को चलाने के लिए किया गया है। जोमैटो पेमेंट्स प्राइवेट लि. (जेडपीपीएल) का गठन 10-10 रुपये के 10,000 इक्विटी शेयर यानी कुल एक लाख रुपये से किया गया है।
पहले ही दिन एम-कैप हुआ 1 लाख करोड़ के पार
जोमैटो का शेयर अपने पहले कारोबारी दिन में 76 रुपये के निर्गम मूल्य के मुकाबले लगभग 66 प्रतिशत की बढ़त के साथ बंद हुआ था। शेयर भाव के हिसाब से कंपनी का बाजार मूल्यांकन एक समय एक लाख करोड़ रुपये से ऊपर पहुंच गया। जोमैटो के शेयर बीएसई पर निर्गम मूल्य के मुकाबले 51. 31 फीसदी की भारी बढ़त के साथ 115 रुपये प्रति शेयर के भाव पर सूचीबद्ध हुए। बाद में शेयर 81. 57 फीसदी की उछाल के साथ 138 रुपये के स्तर पर पहुंच गए। यहशेयर अंत में 65. 59 प्रतिशत की तेजी के साथ 125. 85 रुपये के भाव पर बंद हुआ था।
जोमैटो का गठन 2008 में हुआ था। इस समय कंपनी देश के 525 शहरों में रेस्त्रां में तैयार व्यंजनों के पार्सल का वितरण कर रही है। कंपनी 23 अन्य देशों में नेटवर्क है। इसके साथ करीब 3.90 लाख सक्रिय रेस्त्रां जुड़े हैं।
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