नई दिल्ली। उन एलपीजी कस्टमर्स के लिए खास खबर है, जिन्होंने अनजाने में या गलती से अपनी गैस सब्सिडी छोड़ दी है और अब उसे दोबारा हासिल करना चाहते हैं। अब आपको चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। आप उसे आसानी से वापस ले सकते हैं। इसके लिए आपको सब्सिडी छोड़ने के एक साल के बाद दोबारा सब्सिडी के लिए एप्लाई करना होगा। पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के मुताबिक, मोदी सरकार द्वारा शुरू किए गए कैंपेन ‘गिव इट अप’ को एक साल पूरा हो गया है। उपभोक्ता अगर अपने सब्सिडी छोड़ने के फैसले को बदलना चाहते हैं तो इसके लिए वो स्वतंत्र हैं।
सब्सिडी पाने के लिए फिर करना होगा एप्लाई
एक अंग्रेजी अखबार को प्रधान ने बताया कि केंद्र सरकार का गैस सब्सिडी छोड़ने से जुड़ा ‘गिव इट अप’ कैंपेन सिर्फ एक साल के लिए ही था। यह पूछे जाने पर कि यदि क्रूड की कीमतें बढ़ती हैं, और सब्सिडी-नॉन सब्सिडी सिलेंडर की कीमत में अंतर बढ़ता है, तो आम लोगों पर ज्यादा बोझ पड़ सकता है। इसके जवाब में प्रधान ने कहा कि ऐसे में यदि कोई व्यक्ति दोबारा सब्सिडी हासिल करना चाहता है तो उसे फिर से सब्सिडी पाने के लिए एप्लाई करना होगा। यदि कोई व्यक्ति एप्लाई नहीं करता है तो यही माना जाएगा कि एक साल के बाद भी उसे सब्सिडी की जरूरत नहीं है।
ऐसे करें डेबिट और क्रेडिट कार्ड से LPG पेमेंट
LPG cylinder Subsidy gallery
IndiaTV Paisa
IndiaTV Paisa
IndiaTV Paisa
IndiaTV Paisa
IndiaTV Paisa
1.13 करोड़ लोगों ने की सब्सिडी सरेंडर
प्रधान के मुताबिक देश भर में गिव इट अप प्रोग्राम के चलते 1.13 करोड़ परिवारों ने गैस सब्सिडी न लेने का फैसला किया है। जिन परिवारों ने सब्सिडी छोड़ी है उनमें सबसे अधिक संख्या महराष्ट्र, उत्तरप्रदेश, दिल्ली, कर्नाटक और तमिलनाडु से हैं। देश में 20.21 करोड़ रसोई गैस के उपभोक्ता हैं। सरकार की गिव इट अप प्रोग्राम को क्रूड की गिरती कीमतों ने भी मदद दी है। 45 डॉलर प्रति बैरल तक लुढ़क चुके क्रूड के चलते देश भर में सब्सिडी वाले और गैर सब्सिडी वाले सिलेंडर के बीच 90 रुपए का अंतर रह गया है।