देश के विभिन्न प्रांतों से उत्तर प्रदेश लौट रहे मजदूरों को इस समय अपने सामने अंधेरा भविष्य दिखाई दे रहा है। महाराष्ट्र, गुजरात से लेकर केरल जैसे राज्यों में अपनी कमाई छोड़कर लौट रहे मजदूरों के सामने रोजी रोटी का संकट पैदा हो गया है। लेकिन अब यूपी सरकार ऐसे मजदूरों की मदद के लिए सामने आई है। यूपी सरकार मजदूरों की वापसी को एक बड़ा मौका मान रही है और अपने ही शहर या गांव में मजदूरों को नौकरी का अवसर प्रदान करने के लिए मेगा प्लान पर काम कर रही है। इसके तहत उत्तर प्रदेश में छोटे और मझोले उद्योगों को बड़ी सहूलियतें दी जाएंगी।
यूपी सरकार के मुताबिक़ पूरे देश से क़रीब पंद्रह लाख मज़दूर प्रदेश लौटेंगे। इन श्रमिकों को प्रदेश में ही रोज़गार देने के लिय अब मुख्यमंत्री योगी सरकार की योजना बनाने के लिए मुख्यमंत्री योगी अपनी टीम 11 के साथ योजना पर काम कर रहे हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार एमएसएमई और ओडीओपी सेक्टर की 90 लाख छोटी बड़ी यूनिटों पर भी सीएम योगी की नजर है। हर यूनिट में नए रोजगार सृजित कर 90 लाख नए रोजगार पैदा करने का लक्ष्य है। प्रदेश सरकार ने इसके लिए पर्यावरण नियमों को छोड़ बाकी नियमों का सरलीकरण किया है।
सब कुछ सही रहा तो तय सीमा के भीतर पर्यावरण समेत सभी NOC देना अनिवार्य कर दिया गया है। उद्यमियो के लिए सिंगल विंडो सिस्टम के जरिए देकर हर हाथ को रोजगार देने की कोशिश की जा रही है। बताया जा रहा है कि एनओसी की पूरी प्रक्रिया आटोमोड में पूरी की जाएगी।
12 से 20 मई तक विशाल लोन मेला
राज्य के उद्यमियों के लिए खास योजना के तहत प्रदेश सरकार लोन की व्यवस्था भी कर रही है। इसके तहत यूपी सरकार 12 से 20 मई तक विशाल लोन मेला आयोजित करेगी। इसमें आनलाइन आवेदन कर कोई भी लोन ले सकता है। लोन मेला के मद्देनजर एसएलबीसी की महत्वपूर्ण बैठक भी आयोजित की गई है। उद्यम लगाने वालों को योगी सरकार हर तरह की मदद देगी। अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि उद्यमियों को आकर्षित करने के लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार करें।
1000 दिनों में किया जा सकता है आवेदन
कोई भी उद्यम लगाने के बाद एक हजार दिनों में आवेदन कर आखिरी सौ दिनों के भीतर अनुमति लेनी होगी। अधिकारियों को सीएम का निर्देश है कि एनओसी की प्रक्रिया तेजी से पूरी की जाए। योगी सरकार का लक्ष्य है, कि यूपी में पिछले तीन वर्षों में तेजी से बढ़ी प्रति व्यक्त आय को और बढाने का काम किया जाए। 2016 में यूपी की प्रति व्यक्ति आय निचले स्तर पर पहुंची थी। ओडीओपी, नई चीनी मिलों, पुरानी चीनी मिलों के क्षमता विस्तार, इन्वेस्टर सम्मिट व डिंफेंस एक्सपो के आयोजन जैसे प्रयासों से तीन सालों में प्रति व्यक्ति आय तेजी से बढी है।