नई दिल्ली। शुद्ध ब्याज आय और शुल्क में अच्छी वृद्धि से प्राइवेट सेक्टर बैंक यस बैंक का चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में शुद्ध मुनाफा 25 प्रतिशत बढ़ गया है। वहीं इसका एनपीए भी बढ़कर 6,355 करोड़ रुपए हो गया है, जिसकी वजह से शेयर बाजार में इसके शेयरों में 10 प्रतिशत तक की गिरावट देखी गई है। आरबीआई द्वारा वित्त वर्ष 2016-17 के लिए खराब ऋण के आंकड़े दोबारा जारी करने के निर्देश के बाद बैंक ने यह खुलासा किया है।
यह लगातार दूसरा साल था जब यस बैंक ने अपने एनपीए की गलत जानकारी दी। आरबीआई के आकलन के मुताबिक यस बैंक का 2016-17 में सकल एनपीए 8,374 करोड़ रुपए था, लेकिन बैंक ने सिर्फ 2,018 करोड़ रुपए का ही एनपीए बताया। उसने 6,355 करोड़ रुपए का एनपीए छुपाया। वित्त वर्ष 2015-16 में बैंक ने 4,176 करोड़ रुपए का एनपीए छुपाया था।
यस बैंक के अलावा दो अन्य प्राइवेट बैंक एक्सिस बैंक और लक्ष्मी विलास बैंक भी वित्त वर्ष 2016-17 के लिए एनपीए आंकड़ों का दोबारा आकलन कर प्रावधान कर रहे हैं। यस बैंक का सकल एनपीए अनुपात सितंबर 2017 में 1.82 प्रतिशत रहा, जो कि सितंबर 2016 में 0.83 प्रतिशत था।
वित्त वर्ष 2017-18 की दूसरी तिमाही में बैंक का शुद्ध लाभ 25.1 प्रतिशत बढ़कर 1,002 करोड़ रुपए रहा, जो कि पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 965 करोड़ रुपए था। आरबीआई के आकलन के बाद बैंक के एनपीए में अचानक वृद्धि हुई है। नियमों के मुताबिक, यदि किसी वित्त वर्ष के लिए खराब ऋण पर आरबीआई का आकलन बैंक के आकलन से 15 प्रतिशत से अधिक भिन्न होता है तो बैंक को उस अंतर का खुलासा करना होता है। बैंक ने वित्त वर्ष 2016-17 के लिए सकल एनपीए में 6,355 करोड़ रुपए का अंतर बताया है। प्रावधान में इस अंतर को शामिल करने के बाद वित्त वर्ष 2016-17 के लिए बैंक का समायोजित शुद्ध मुनाफा 2,316 करोड़ रुपए रहा। बैंक ने पिछले संपूर्ण वित्त वर्ष के लिए शुद्ध मुनाफा 3,330 करोड़ रुपए दिखाया था।