नई दिल्ली। मुश्किल समय से गुजर रहे यस बैंक के ग्रुप प्रेसिडेंट और सीएफओ रजत मोंगा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। पूर्व प्रमुख राणा कपूर के कार्यकाल के दौरान मोंगा प्रमुख व्यक्ति थे। बैंक के सीईओ रवनीत गिल ने गुरुवार को एक कॉन्फ्रेंस कॉल में बताया कि मोंगा ने बैंक छोड़ने का फैसला किया है, हालांकि उन्होंने पद छोड़ने की कोई विशेष वजह का उल्लेखन नहीं किया है। वहीं दूसरी ओर यस बैंक के सह-संस्थापक अशोक कपूर के परिवार ने इस बैंक, इसके प्रबंधकों तथा नेतृत्व को अपना पूरा समर्थन बनाए रखने का भरोसा दिया है।
गिल ने कहा कि बैंक का परिचालन मेट्रिक्स और प्रदर्शन बेहतर है और बैंक के पास पर्याप्त तरलता है। उन्होंने कहा कि यस बैंक अपने लोन बुक को संशोधित करने पर विचार कर रहा है और अब हम अपना अधिक ध्यान रिटेल सेगमेंट पर लगाएंगे।
राणा कपूर और उनके परिवार द्वारा बैंक के अधिकांश शेयरों की बिक्री करने के बाद बैंक के सह-संस्थापक स्व. अशोक कपूर की पत्नी मधु कपूर अब बैंक की मुख्य प्रवर्तक बन गई हैं। यस बैंक के सह-संस्थापक अशोक कपूर के परिवार ने इस बैंक, इसके प्रबंधकों तथा नेतृत्व को अपना पूरा समर्थन बनाए रखने का भरोसा दिया है। परिवार का यह बयान दूसरे सह-प्रवर्तक राणा कपूर के बैंक में अपनी हिस्सेदारी बेच कर करीब-करीब बाहर निकलने के बीच आया है।
अशोक कपूर की बेटी शगुन गोगोई ने कहा कि हम यस बैंक के साथ पूरी मजबूती से खड़े हैं। हम इस बैंक के नेतृत्व और इसके प्रबंधकों में पूरा भरोसा रखते हैं। अशोक कपूर के नाम इस कंपनी के 8.7 प्रतिशत शेयर हैं और इस परिवार ने अपने पास के बहुत कम शेयर ही किसी कर्ज के लिए बंधक रखे हैं। बंधक रखे इन शेयरों का अनुपात एक दशक से बदला नहीं है।
इसके विपरीत राणा कपूर परिवार के बंधक रखे गए शेयरों के ऊंचे अनुपात के कारण उनकी दशा खराब हो गई है। बैंकिंग विनियामक भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंक के स्वस्थ संचालन के मुद्दे पर राणा कपूर को करीब एक साल पहले बैंक के मुख्य कार्यपालक पद से हटने पर विवश कर दिया था। उसके बाद से उनके परिवार के करीब-करीब पूरे शेयर बिक चुके हैं। इस वर्ष जनवरी में राणा कपूर के पास 9 प्रतिशत से अधिक शेयर थे। राणा कपूर के बंधक रखे 3.92 प्रतिशत शेयर को एक संपत्ति प्रबंधक कंपनी ने अभी मंगलवार को ही भुनाया। इससे बैंक में उनके शेयर बहुत कम हो गए हैं।