नई दिल्ली। पूंजी बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने यश बिड़ला ग्रुप के चेयरमैन यशोवर्धन बिड़ला औन तीन अन्य लोगों पर पूंजी बाजार से लेनदेन करने पर प्रतिबंध लगा दिया है। इन लोगों पर यह रोक बिड़ला कोटसिन (इंडिया) लि. (बीसीआईएल) द्वारा वर्ष 2010 में ग्लोबल डिपॉजिटरी रिसीट्स (जीडीआर) जारी करने में की गई अनियमितता के कारण लगाई गई है। फिलहाल बिड़ला कोटसिन इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (आईबीसी) के तहत लिक्विडेशन की कार्यवाही से गुजर रही है।
सेबी ने शेयर बाजार में कारोबार करने पर अन्य तीन लोगों पर रोक लगाई है, उनमें पीवीआर मूर्ति, वाईपी त्रिवेदी और मोहनदास अडिगे शामिल हैं। सेबी ने इन चारों लोगों और बीसीआईएल को कारण बताओ नोटिस भेजा था। नोटिस में आरोप था कि बीसीआईएल ने 15 मार्च, 2010 को 2.499 करोड़ डॉलर मूल्य के 96.9 लाख जीडीआर जारी किए थे और केवल एक इकाई विंटैग एफजेडई ने इन्हें खरीदा था और इसके लिए भुगतान यूरम बैंक से लोन लेकर किया गया था।
सेबी ने कहा कि इस समझौते पर मूर्ति द्वारा हस्ताक्षर किए गए, जो उस समय कंपनी के डायरेक्टर थे। कंपनी ने यूरम बैंक में एक खाता खोलने को भी मंजूरी दी, ताकि जीडीआर सब्सक्रिप्शन प्रक्रिया के लिए राशि इसमें हासिल की जा सके। बिड़ला, त्रिवेदी और अडिगे भी बोर्ड मीटिंग में मौजूद थे, जिसमें यह सब निर्णय लिए गए।
सेबी ने कहा कि इस आदेश की तारीख से यशोवर्धन बिड़ला को सिक्यूरिटी मार्केट से दो साल के लिए प्रतिबंधित किया जाता है। वह प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से म्यूचुअल फंड यूनिट सहित शेयरों की खरीद-बिक्री नहीं कर पाएंगे। आदेश में कहा गया है कि प्रतिबंध की अवधि के दौरान सभी लोगों की प्रतिभूतियां, जिसमें म्यूचुअल फंड यूनिट भी शामिल हैं, फ्रीज रहेंगी।
पिछले साल यूको बैंक ने यशोवर्धन बिड़ला को विलफुल डिफॉल्टर घोषित किया था। यशोवर्धन बिड़ला सूर्या लिमिटेड के भी डायरेक्टर हैं, जो बैंक का 67.65 करोड़ रुपए का कर्ज चुकाने में विफल रही है।