जिनेवा। अमेरिका ने सौर पैनल मामले में भारत के खिलाफ विश्व व्यापार संगठन (WTO) में जीत का दावा किया है। डब्ल्यूटीओ की अपीलीय संस्था ने सौर ऊर्जा मामले में अमेरिका के साथ विवाद में भारत के खिलाफ दिए गए समिति के फैसले को सही ठहराया है। अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि माइकल फ्रोमेन ने कहा है कि डब्ल्यूटीओ के अपीलीय निकाय ने अपनी एक रिपोर्ट में इस मामले में अमेरिकी सरकार की चुनौती को सही माना है। ओबामा सरकार ने भारत के राष्ट्रीय सौर मिशन के तहत घरेलू कलपुर्जों की अनिवार्यता को चुनौती दी थी।
समिति ने भारत के खिलाफ फैसला देते हुए कहा था कि सौर फर्मों के साथ सरकार का बिजली खरीद समझौता अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप नहीं है। डब्ल्यूटीओ ने एक बयान में कहा है, डब्ल्यूटीओ के अपीलीय निकाय ने उन सभी निष्कर्षों को सही ठहराया है, जिनको भारत ने चुनौती दी थी।
भारत ने 2011 में उक्त अनिवार्यताएं लागू कीं। इसके तहत सौर ऊर्जा डेवलपरों को भारत में ही बने सेल व मोड्यूल का इस्तेमाल करना होता है। इसके बाद से भारत को अमेरिकी सौर पैनल आदि के निर्यात में 90 फीसदी से अधिक की कमी आई है। उल्लेखनीय है कि भारत ने डब्ल्यूटीओ की समिति के फैसले को चुनौती देते हुए अप्रैल में डब्ल्यूटीओ की अपीलीय संस्था में मामला दायर किया था।
इस मामले में अमेरिका ने भारत में सौर ऊर्जा उपकरणों की खरीद फरोख्त मामले में अमेरिकी फर्मों के साथ भेदभाव का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई थी। फ्रोमेन ने कहा, यह रिपोर्ट अमेरिकी सोलर विनिर्माताओं व श्रमिकों के लिए स्पष्ट जीत है और यह जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई में एक और कदम है। उन्होंने कहा कि ओबामा सरकार भारत सहित दुनिया भर में सौर ऊर्जा के तीव्र कार्यान्वयन का समर्थन करती है।