नई दिल्ली। प्याज और दूसरी सब्जियों सहित खाने-पीने के सामान के दाम बढ़ने से अक्टूबर में थोक महंगाई 3.59 प्रतिशत पर पहुंच गई। यह इसका पिछले छह माह का उच्च स्तर है। थोक मूल्य सूचकांक (WPI) आधारित मुद्रास्फीति इससे पिछले महीने सितंबर में 2.60 प्रतिशत पर थी। एक साल पहले अक्टूबर में थोक मुद्रास्फीति 1.27 प्रतिशत रही थी। बहरहाल, अक्टूबर 2017 की मुद्रास्फीति इस साल अप्रैल के बाद सबसे ऊंची है। अप्रैल में यह 3.85 प्रतिशत दर्ज की गई थी। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के कल जारी आंकड़ों में अक्टूबर माह में खुदरा मुद्रास्फीति भी सात माह के उच्चस्तर 3.58 प्रतिशत पर रही।
थोक मूल्य सूचकांक के आज जारी आंकड़ों के मुताबिक खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति अक्टूबर माह में दोगुने से भी अधिक होकर 4.30 प्रतिशत पर पहुंच गई। सब्जियों के मामले में मुद्रास्फीति सितंबर के 15.48 प्रतिशत से बढ़कर अक्टूबर में 36.61 प्रतिशत तक चढ़ गई।
जहां तक प्याज की बात है, अक्टूबर में प्याज के दाम में एक साल पहले के मुकाबले 127.04 प्रतिशत की वृद्धि रही। अंडा, मीट और मछली के दाम 5.76 प्रतिशत ऊंचे रहे। विनिर्माण क्षेत्र के उत्पादों में हालांकि, मुद्रास्फीति मामूली घटकर 2.62 प्रतिशत रह गई जो कि सितंबर में 2.72 प्रतिशत थी।
ईंधन और बिजली वर्ग में अक्टूबर में मुद्रास्फीति बढ़कर 10.52 प्रतिशत हो गई। ईंधन मुद्रास्फीति पिछले तीन माह से लगातार ऊंची बनी हुई है। विश्व बाजार में कच्चे तेल के दाम बढ़ने के बाद पेट्रोल, डीजल के दाम लगातार ऊंचे बने हुये हैं। घरेलू उत्पादन घटने से बिजली शुल्क भी उच्च स्तर पर बने हुये हैं।
इसके विपरीत दाल-दलहन के दाम में गिरावट का दौर जारी है। दलहन में 31.05 प्रतिशत की गिरावट रही। आलू के दाम 44.29 प्रतिशत घट गये जबकि गेहूं 1.99 प्रतिशत नीचे रहा। अगस्त माह के लिये WPI मुद्रास्फीति का अंतिम आंकड़ा 3.24 प्रतिशत पर पूर्ववत रहा।
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