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#Inflation: नबंवर में महंगे हुए दाल, फल और सब्जियां, बढ़ी थोक और रिटेल महंगाई

अक्टूबर के मुकाबले नवंबर में थोक महंगाई बढ़ गई है। दाल, सब्जी, फ्यूल और नॉन-फूड आर्टिकल्स के दाम बढ़ने के कारण नवंबर में महंगाई -1.99 फीसदी दर्ज की गई।

Shubham Shankdhar
Updated on: December 14, 2015 20:27 IST
#Inflation: नबंवर में महंगे हुए दाल, फल और सब्जियां, बढ़ी थोक और रिटेल महंगाई- India TV Paisa
#Inflation: नबंवर में महंगे हुए दाल, फल और सब्जियां, बढ़ी थोक और रिटेल महंगाई

नई दिल्ली। खुदरा मुद्रास्फीति में नवंबर में लगातार चौथे महीने बढ़ोतरी हुई है। सब्जियों, दालों और फलों की कीमतों में बढ़ोतरी से यह बढ़कर 5.41 प्रतिशत पर पहुंच गई, जो रिजर्व बैंक के संतोषजनक स्तर से अधिक है। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित खुदरा मुद्रास्फीति अक्तूबर में पांच प्रतिशत पर थी। पिछले साल नवंबर में यह 3.27 प्रतिशत के स्तर पर थी। सोमवार को जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार उपभोक्ता खाद्य मुद्रास्फीति नवंबर में बढ़कर 6.07 प्रतिशत पर पहुंच गई। इस दौरान दालों तथा उत्पादों की श्रेणी में खुदरा मुद्रास्फीति 46.08 प्रतिशत के उच्चस्तर पर रही। नवंबर में सब्जियों की महंगाई लगभग दोगुना होकर चार प्रतिशत रही। मोटे अनाज तथा उत्पाद श्रेणी में यह 1.70 प्रतिशत रही। नवंबर में मौसमी फल भी महंगे हुए। इनकी मुद्रास्फीति 2.07 प्रतिशत रही। मीट और मछली की मुद्रास्फीति 5.34 प्रतिशत, खाद्य एवं बेवरेज में 6.08 प्रतिशत और गैर अल्कोहोलिक बेवरेज में यह 4.55 प्रतिशत रही। हालांकि दूध और उसके उत्पाद, अंडा, ईंधन तथा लाइट वर्ग की मुद्रास्फीति नवंबर में कुछ घटी। ग्रामीण क्षेत्रों में खुदरा मुद्रास्फीति बढ़कर 5.95 प्रतिशत पर पहुंच गई। वहीं शहरी क्षेत्र के लिए यह 4.71 प्रतिशत रही।

थोक महंगाई भी बढ़ी

अक्टूबर के मुकाबले नवंबर में थोक महंगाई बढ़ गई है। हालांकि, महंगाई दर अभी भी शून्य के नीचे बनी है। दाल, सब्जी, फ्यूल और नॉन-फूड आर्टिकल्स के दाम बढ़ने के कारण नवंबर में महंगाई -1.99 फीसदी दर्ज की गई। वहीं अक्टूबर महीने में थोक महंगाई दर -3.81 फीसदी रही थी। थोक महंगाई दर भले ही शून्य से नीचे है लेकिन, यह लगातार चौथा महीना है जब थोक महंगाई दर बढ़ी है। इस साल अगस्‍त में थोक महंगाई दर -5.06 फीसदी पर थी।

खाने-पीने की चीजों की बढ़ी महंगाई

पिछले महीने में खाने-पीने की चीजों की महंगाई तेजी से बढ़ी है। नवंबर में खाने-पीने की चीजों की महंगाई दर बढ़कर 5.2 फीसदी पहुंच गई है। अक्टूबर में खाने-पीने की चीजों की महंगाई दर 2.44 फीसदी थी। महीने दर महीने आधार पर नवंबर में नॉन-फूड आर्टिकल्स की महंगाई दर 5.10 फीसदी से बढ़कर 6.33 फीसदी हो गई है।

सस्ते क्रूड के बावजूद बढ़ी फ्यूल की महंगाई

क्रूड की कीमतों में रिकॉर्ड गिरावट देखने को मिल रही है। इसके बावजूद नवंबर में फ्यूल की महंगाई दर -16.32 फीसदी से बढ़कर -11.09 फीसदी पहुंच गई। वहीं महीने दर महीने आधार पर नवंबर में प्राइमरी आर्टिकल्स की महंगाई दर -0.63 फीसदी से बढ़कर 2.27 फीसदी रही है। वहीं, सरकार की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार नवंबर 2015 में मैन्‍युफैक्‍चरिंग प्रोडक्‍ट्स की महंगाई बढ़ी है, लेकिन अभी भी यह शून्य से नीचे -1.42 फीसदी पर है। नवंबर में इसकी महंगाई दर बढ़कर -1.42 फीसदी रही है।

एक महीने में 11 फीसदी से ज्यादा महंगी हुई सब्जियां

अक्टूबर के मुकाबले नवंबर में सब्जियां महंगी हो गई है। नवंबर में सब्जियों की महंगाई दर 2.56 फीसदी से बढ़कर 14.08 फीसदी रही है। वहीं दाल की महंगाई नवंबर में 52.98 फीसदी से बढ़कर 58.17 फीसदी पहुंच गई है। हालांकि प्याज की महंगाई दर 85.60 फीसदी से घटकर 52.69 फीसदी रही।

विशेषज्ञ की राय

इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च के मुख्य अर्थशास्त्री देवेंद्र कुमार पंत ने कहा, थोक मूल्य सूचकांक आधारित और उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित दोनों मुद्रास्फीति हमारी उम्मीदों से थोड़ी अधिक लेकिन रख के अनुरूप ही हैं। अनुकूल आधार प्रभाव समाप्त हो रहा है। इससे आगामी महीनों में दोनों मुद्रास्फीति और चढ़ेगी। उन्होंने कहा कि दालों की महंगाई मुद्रास्फीति के खिलाफ लड़ाई में सबसे बड़ा जोखिम है। नवंबर में खुदरा मुद्रास्फीति मंे बढ़ोतरी की यह एक प्रमुख वजह है। पंत ने कहा कि रिजर्व बैंक काफी हद तक जनवरी, 2016 के मुद्रास्फीति के लक्ष्य को पा लेगा। लेकिन पांच प्रतिशत के मध्यम अवधि के लक्ष्य को हासिल करना चुनौतीपूर्ण है। चालू वित्त वर्ष में मौद्रिक नीति में नरमी की और गुंजाइश भी नहीं है।

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