नई दिल्ली। अक्टूबर में थोक मुद्रास्फीति की दर घटकर 3.39 प्रतिशह रही, यह लगातार दूसरा महीना है जब थोक महंगाई दर में गिरावट दर्ज की गई है। खाद्य पदार्थों विशेषकर सब्जियों की कीमतों में नरमी की वजह से थोक मुद्रास्फीति में यह कमी आई है।
थोक कीमतों पर आधारित महंगाई दर सितंबर में 3.57 फीसदी थी। अक्टूबर 2015 में डब्ल्यूपीआई मुद्रास्फीति (-)3.70 प्रतिशत थी। अक्टूबर में सब्जियों में थोक कीमत सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) मुद्रास्फीति नकारात्मक रही और यह (-)9.97 प्रतिशत दर्ज की गई।
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- इस श्रेणी में महंगाई दर जुलाई में सबसे ज्यादा बढ़कर 28.45 प्रतिशत पर पहुंच गई थी।
- अक्टूबर में दालों की महंगाई दर सबसे ज्यादा 21.80 प्रतिशत रही।
- रोजाना उपयोग होने वाली सब्जी, आलू की महंगाई दर सबसे ज्यादा 60.58 प्रतिशत रही।
- फलों की महंगाई इस दौरान 6.45 प्रतिशत बढ़ी।
- खाद्य पदार्थों की महंगाई दर ओवरऑल अक्टूबर में सामान्य 4.34 प्रतिशत रही, जो कि सितंबर में 5.75 प्रतिशत थी।
- अक्टूबर में विनिर्मित उत्पादों की महंगाई दर 2.67 प्रतिशत रही, जो कि सितंबर में 2.48 प्रतिशत थी।
- चीनी की महंगाई दर 29.63 प्रतिशत, पेट्रोल की 3.57 प्रतिशत दर्ज की गई।
- अगस्त के लिए डब्ल्यूपीआई को संशोधित कर 3.85 प्रतिशत कर दिया गया है, जिसका पहले अनुमान 3.74 प्रतिशत व्यक्त किया गया था।