नई दिल्ली। नवंबर में थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित महंगाई दर (डब्ल्यूपीआई) लगातार तीसरे महीने गिरकर 3.15 फीसदी पर आ गई है। अक्टूबर में थोक महंगाई दर 3.39 फीसदी थी। नोटबंदी की वजह से मांग में कमी के कारण सब्जियों और खाने-पीने की चीजों की कीमतों में गिरावट आई है। इसकी वजह से महंगाई दर 5 महीने के निचले स्तर पर फिसल गई।
सब्सियों की कीमतों में भारी गिरावट
नवंबर में सब्जियों की कीमतों में 24.10 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। सब्जियों की कीमतों में लगातार तीन महीने से गिरावट का दौर जारी है। वहीं प्याज के भाव इस दौरान 51.51 फीसदी तक घट गए हैं।
दालें और फ्रूट्स हुए महंगे
दालों की बात करें तो पिछले महीने 21.73 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिली। वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार आलू की महंगाई सबसे अधिक बढ़ी है। नवंबर में आलू की कीमतों में 36.97 फीसदी उछाल आया। वहीं फ्रूट्स 2.45 फीसदी महंगे हुए। कुल मिलाकर खाद्य महंगाई दर नवंबर में नरम होकर 1.54 फीसदी रही जो अक्टूबर में 4.34 फीसदी थी।
पेट्रोल की महंगाई दर बढ़ी
मैन्युफैक्चर्ड गुड्स के मामले में महंगाई दर नवंबर में 3.20 फीसदी रही जो इससे पिछले महीने में 2.67 फीसदी थी। वहीं चीनी की महंगाई दर 31.76 फीसदी रही जबकि पेट्रोल 5.54 प्रतिशत महंगा हुआ। इस बीच, सितंबर की थोक महंगाई दर के आंकड़े को संशोधित कर 3.8 फीसदी कर दिया गया है जबकि पूर्व में इसके 3.57 फीसदी रहने की बात कही गयी थी।