Saturday, November 02, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. पैसा
  3. बिज़नेस
  4. चीन नहीं भारत के लेह में होगा दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे ट्रैक, इसी सप्‍ताह शुरू होगा फाइनल लोकेशन सर्वे

चीन नहीं भारत के लेह में होगा दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे ट्रैक, इसी सप्‍ताह शुरू होगा फाइनल लोकेशन सर्वे

यदि बिलासपुर-मनाली-लेह रेलवे ट्रैक को तैयार करने की योजना परवान चढ़ती है तो यह चीन की क्विंघाई-तिब्बत रेलवे को पछाड़कर दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे ट्रैक होगा।

Manish Mishra
Published on: June 26, 2017 11:15 IST
चीन नहीं भारत के लेह में होगा दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे ट्रैक, इसी सप्‍ताह शुरू होगा फाइनल लोकेशन सर्वे- India TV Paisa
चीन नहीं भारत के लेह में होगा दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे ट्रैक, इसी सप्‍ताह शुरू होगा फाइनल लोकेशन सर्वे

नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के लेह में रेलवे इसी हफ्ते 498 किलोमीटर लंबी बिलासपुर-मनाली-लेह लाइन के फाइनल लोकेशन सर्वे की शुरुआत करेगा। समुद्र तल से करीब 3,300 मीटर की उंचाई पर बनने जा रहा यह ट्रैक सामरिक तौर पर एक महत्‍वपूर्ण रेलवे प्रोजेक्‍ट होगा और इसे दुनिया की सबसे ऊंची रेल पटरी का दर्जा हासिल होगा। हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर-मनाली से जम्मू-कश्मीर के लेह को जोड़ने वाली इस रेलवे ट्रैक का रूट 498 किलोमीटर लंबा होगा। यदि इस रेल ट्रैक को तैयार करने की योजना परवान चढ़ती है तो यह चीन की क्विंघाई-तिब्बत रेलवे को पछाड़कर दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे ट्रैक होगा। रेल मंत्रालय की ओर से जिन 4 महत्वपूर्ण रेल नेटवर्क्स की योजना बनाई गई है, उनमें से लेह तक बनने वाली यह लाइन भी शामिल है।

यह भी पढ़ें : प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिकी कंपनियों को निवेश के लिए किया आमंत्रित, GST को बताया क्रांतिकारी कदम

रेल मंत्री सुरेश प्रभु इस रेलवे ट्रैक के फाइनल लोकेशन सर्वे के काम का उद्घाटन कल यानि 27 जून को करेंगे। इस सर्वे पर 157.77 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है। इस सर्वे का खर्च रेल मंत्रालय की बजाय रक्षा मंत्रालय उठा रहा है। यह रेल लाइन बिलासपुर से चलकर सुंदरनगर, मंडी, मनाली, टांडी, केलॉन्ग, कोकसार, दारचा, उप्शी और कारू से होते हुए लेह तक जाएगी। इस फाइनल लोकेशन सर्वे की जिम्मेदारी रेलवे की पीएसयू कंपनी RITES को दी गई है।

रेल मंत्रालय के एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि RITES ने इस चुनौतीपूर्ण काम को पूरा करने के लिए अपने एक्सपर्ट्स की एक टीम को तैनात कर दिया है। यह सर्वे तीन चरणों में होगा और इसके 2019 तक पूरा होने की उम्मीद है। फिलहाल इस रूट पर सड़क मार्ग है, लेकिन यह साल में 5 महीने ही खुला रहता है। यह लाइन चीन सीमा के करीब होने के चलते रणनीतिक और सामरिक दृष्टि से तो महत्वपूर्ण होगी ही, इसके अलावा यह हिमाचल और कश्मीर के लेह क्षेत्र में बड़े आर्थिक और सामाजिक लाभ का जरिया भी बनेगी। इसके अलावा क्षेत्र में पर्यटन उद्योग के विकास की संभावनाओं को भी बल मिलेगा।

यह भी पढ़ें : HDFC बैंक के MD की सैलरी 10 करोड़ रुपए, SBI चेयरमैन की सैलरी मात्र 29 लाख

रक्षा मंत्रालय ने रणीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण चीन, नेपाल और पाकिस्तान की सीमाओं के नजदीक रेल प्रोजेक्‍ट्स का प्रस्ताव दिया है। मंत्रालय की पहल पर 14 रणनीतिक लाइनें तय की गई हैं। इनमें से 4 हैं- बिलासपुर-मनाली-लेह, मिस्सामारी-तेंगा-तवांग, नॉर्थ लखीमपुर-बामे-सिलापठार और पासीघाट-तेजू-रूपई। पहले चरण में इन 4 लाइनों पर ही काम शुरू किया जाएगा।

Latest Business News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Business News in Hindi के लिए क्लिक करें पैसा सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement