नई दिल्ली। जर्मनी में हाइड्रोजन गैस से चलने वाली ट्रेन पूरी तरह से तैयार है और इसका ट्रायल चल रहा है। हाइड्रोजन गैस से चलने वाली ‘हाइडरेल’ का टेस्ट ट्रायल अभी तक सफल रहा है। इस ट्रेन का निर्माण फ्रांस की एक कंपनी ने किया है। नई ट्रेन की बड़ी खासियत यह है कि ये पारंपरिक डीजल इंजन की तुलना में 60 फीसदी कम शोर करती है, यह पूरी तरह उत्सर्जन मुक्त है। इसकी रफ्तार और यात्रियों को ले जाने की क्षमता भी डीजल ट्रेन की परफॉर्मेंस के बराबर है।
धुएं की जगह निकलता है भाप और पानी
हाइडरेल डीजल इंजन जैसी तकनीक का इस्तेमाल करती है। फर्क सिर्फ इंजन की बनावट और ईंधन का है। ट्रेन में डीजल की जगह फ्यूल सेल, हाइड्रोजन और ऑक्सीजन डाले जाते हैं। ऑक्सीजन की मदद से हाइड्रोजन नियंत्रित ढंग से जलती है और इस ताप से बिजली पैदा होती है। बिजली लिथियम आयन बैटरी को चार्ज करती है और ट्रेन चलती है। इस दौरान धुएं की जगह सिर्फ भाप और पानी निकलता है। यह भी पढ़े: अगले साल Toyota लॉन्च करेगी हाइड्रोजन से चलने वाली Bus, जरूरत पड़ने पर यह बन जाएगा जेनरेटर
2018 से आम आदमी कर सकेंगे सफर
जर्मनी में फिलहाल 4,000 डीजल ट्रेनें हैं। योजना के मुताबिक 2018 में पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए हाइडरेल उतारी जाएंगी। यूरोपीय संघ के मुताबिक इस वक्त ईयू में 20 फीसदी ट्रेनें डीजल वाली हैं। डेनमार्क, नॉर्वे, यूके और नीदरलैंड्स ने भी इन ट्रेनों को खरीदने में दिलचस्पी दिखाई है। यह भी पढ़े: Hyundai ने उठाया नई स्टाइलिश कार से पर्दा, एक बार चार्ज करने पर चलेगी 800 किमी
फ्रांस की कंपनी अलस्टॉम ने किया है इसका निर्माण
फ्रांसीसी कंपनी अलस्टॉम ने इसका निर्माण किया है। कंपनी के एक अधिकारी बताते है कि नई ट्रेन पारंपरिक डीजल इंजन की तुलना में 60 फीसदी कम शोर करती है, यह पूरी तरह उत्सर्जन मुक्त है। इसकी रफ्तार और यात्रियों को ले जाने की क्षमता भी डीजल ट्रेन की परफॉर्मेंस के बराबर है। यह भी पढ़े: फॉक्सवैगन की होवरक्राफ्ट कॉन्सेप्ट कार उड़ा देगी होश, सड़क के साथ चलेगी पानी और बर्फ पर भी
दो डिब्बों वाली इस ट्रेन के मिल रहे है बड़े ऑर्डर
जर्मनी के पांच राज्य फ्रांसीसी कंपनी से ऐसी 60 ट्रेनें खरीदना चाहते हैं। दो डिब्बों वाली एक ट्रेन को एक फ्यूल सेल और 207 पाउंड के हाइड्रोजन टैंक की जरूरत होगी। एक बार हाइड्रोजन भरने पर ट्रेन 650 किलोमीटर की यात्रा कर सकती है।