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चीन की आर्थिक नरमी से चिंतित है दुनिया

दुनिया ने विश्व की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था चीन में नरमी पर चिंता व्यक्त की है, जो वैश्विक अर्थव्यवस्था की वृद्धि के लिए गंभीर चुनौती बन सकती है।

Abhishek Shrivastava
Published : April 17, 2016 17:18 IST
चीन की आर्थिक नरमी से चिंतित है दुनिया, विकासशील देशों का कोटा बढ़ाने की मांग
चीन की आर्थिक नरमी से चिंतित है दुनिया, विकासशील देशों का कोटा बढ़ाने की मांग

वॉशिंगटन। प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंकों के गवर्नर ने विश्व की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था चीन में नरमी पर चिंता व्यक्त की है, जो वैश्विक अर्थव्यवस्था की वृद्धि के लिए गंभीर चुनौती बन सकती है। चीन में करीब तीन दशक तक दहाई अंक की वृद्धि करने के बाद नरमी के संकेत हैं तथा अब उसकी जगह भारत विश्व की सबसे अधिक तेजी से वृद्धि कर रही प्रमुख अर्थव्यवस्था बन गया है।

आर्थिक नरमी के कारण चीन का आर्थिक मॉडल, जो पारंपरिक तौर पर विनिर्माण, निवेश और निर्यात पर केंद्रित था, वह अब घरेलू खपत, सेवा और नवोन्मेष की ओर बढ़ रहा है। फ्रांस के वित्त मंत्री मिशेल सैपिन ने अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) को संबोधित करते हुए कहा कि पुनर्संतुलन से चीन के आर्थिक भागीदार प्रभावित हो रहे हैं, हालांकि अभी इसका ठीक-ठीक असर तय करना बहुत जल्दी होगी। फिर भी किसी भी परिस्थिति में हमें इन घटनाक्रमों पर नजर रखनी होगी। जर्मनी के वित्त मंत्री वूल्फगांग शोबल ने वैश्विक आर्थिक नरमी के लिए चीन की नरमी को जिम्मेदार ठहराया। इधर ब्रिटेन के वित्त मंत्री जॉर्ज ऑस्बर्न ने कहा कि चीन की मदद करना अंतरराष्ट्रीय समुदाय के हित में है।

आईबीआरडी, आईएफसी में विकासशील देशों का कोटा 50 फीसदी हो: जेटली 

आईएमएफ तथा विश्व बैंक में सुधारों की वकालत करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कि भारत जैसी अर्थव्यवस्थाओं की इनमें अधिक भूमिका होनी चाहिए। उन्‍होंने कहा कि विकासशील और बदलाव के दौर से गुजर रहे (डीटीसी) देशों की बहुपक्षीय एजेंसियों मसलन आईबीआरडी और आईएफसी में हिस्सेदारी बढ़ाकर 50 फीसदी की जानी चाहिए।

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