नई दिल्ली। इंडिया दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है, लेकिन ग्रोथ को और आगे ले जाने के लिए महिलाओं के सहयोग की बेहद आवश्यकता है। वर्ल्ड बैंक (World Bank) ने हाल में जारी रिपोर्ट में कहा है कि महिलाओं की नौकरियों में कम हिस्सेदारी चिंता का कारण है। इस सिलसिले में पिछले एक दशक के दौरान स्थिति और खराब हुई है। यह बहुत ही चिंता का विषय है और यह भारत के आर्थिक विकास के रास्ते में एक बाधा भी है यह भी पढ़े: विश्व बैंक का अनुमान, 2017-18 में 7.2 प्रतिशत रहेगी भारत की वृद्धि दर
वर्ल्ड बैंक के भारत निदेशक जुनैद अहमद का कहना है
भारत में नौकरियों में महिलाओं की ज्यादा हिस्सेदारी भारत के आर्थिक विकास को बढ़ाने में मदद कर सकती है
34 फीसदी कॉलेज ग्रेजुएट महिलाएं ही करती है नौकरी
वर्ल्ड बैंक के अर्थशास्त्री फ्रेडरिको गिल सेन्डर का कहना है कि भारत के श्रम बाजार में महिलाओं की हिस्सेदार बहुत ही कम है। उनके मुताबिक भारत में कॉलेज डिग्री हासिल करने वाली 65 प्रतिशत से ज्यादा महिलाएं काम नहीं कर रही हैं जबकि, बांग्लादेश में यह आंकड़ा 41 प्रतिशत और इंडोनेशिया और ब्राजील में 25 प्रतिशत है। 2007 के बाद से भारत में कामकाजी महिलाओं की संख्या घटी है, खास कर ग्रामीण इलाकों में, हालांकि, वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक 34 प्रतिशत कॉलेज ग्रेजुएट महिलाएं ही काम कर रही हैं। यह भी पढ़े: वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा- देश में पहली बार मिल रहा है आर्थिक सुधारों को भारी जनसमर्थन
क्या कहती है वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट
वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट के अनुसार भारत में सिर्फ 27 प्रतिशत औरतें या तो काम कर रही हैं या सक्रिय रूप से नौकरी तलाश रही हैं। रिपोर्ट के मुताबिक यह बहुत ही चिंता का विषय है और यह भारत के आर्थिक विकास के रास्ते में एक बाधा भी है।
नोटबंदी का नहीं पड़ा असर, बेहतर मानसून का मिला सहारा
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था का आधार मजबूत बना हुआ है और नोटबंदी का आर्थिक वृद्धि की रफ्तार पर ज्यादा असर नहीं पड़ा है। रिपोर्ट के मुताबिक मुद्रास्फीति नियंत्रण में है और पिछले साल मानसून बेहतर रहने से अर्थव्यवस्था को सहारा मिला है। यह भी पढ़े: 2016 में भारत को भेजे जाने वाले विदेशी धन में आई 9% कमी, फिर भी रेमिटेंस के मामले में है नंबर वन
पिछले साल देश की GDP ग्रोथ 7.1 फीसदी रही
भारत सरकार के ताजा आंकड़ों के अनुसार 31 मार्च 2017 को खत्म हुए वित्तीय वर्ष में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 7.1 प्रतिशत रही। हालांकि यह आंकड़ा विश्लेषकों की उम्मीदों से कम है। फिर भी भारत बड़ी अर्थव्यवस्थाओं से सबसे अधिक दर से आर्थिक प्रगति करने का वाला देश है। यह भी पढ़े: जीएसटी काउंसिल की बैठक में नहीं हुई सोने पर चर्चा, ट्रांजिशन और रिटर्न सहित पेंडिंग नियमों को मिली मंजूरी
GST से मजबूत होगी आर्थिक ग्रोथ
वर्ल्ड बैंक ने अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा कि भारत में एक जुलाई से लागू होने वाला जीएसटी आर्थिक वृद्धि को मजबूत करेगा और आगे जाकर इससे सरकार के राजस्व में इजाफा होगा. पर साथ ही भारत को सचेत भी किया कि उसे महिलाओं की नौकरियों में हिस्सेदारी को हर हाल में बढ़ाना होगा। यह भी पढ़े: #monsoon2017: गुजरात समेत इन इलाकों में प्री-मानसून में भारी बारिश, 9-15 जून तक सेंट्रल इंडिया पहुंचेगा