वाशिंगटन। भारत समेत दुनियाभर में आटोमेशन के बढ़ते उपयोग से बड़े पैमाने पर नौकरियों के जाने की आशंका पैदा होने लगी हैं। विश्वबैंक की बुधवार को जारी हुई रिसर्च रिपोर्ट में कहा गया है कि ऑटोमेशन से भारत में 69 फीसदी और चीन में 77 प्रतिशत रोजगार जा सकते है। इसमें कहा गया है कि डेवल्पिंग देशों में नई आईटी टेक्नोलॉजी अार्थिक ग्रोथ पर दबाव डाल सकती हैं।
विश्वबैंक के अध्यक्ष जिम किम ने कहा, चूंकि हम आर्थि ग्रोथ को तेज करने के लिए बुनियादी ढांचे में निवेश को लगातार बढ़ा रहे हैं, ऐसे में हमें यह सोचना होगा कि विभिन्न देशों को भविष्य की अर्थव्यवस्था के लिये किस प्रकार की ढांचागत सुविधाओं की जरूरत है।
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लाने होंगे जरूरी बदलाव
- हम सभी जानते हैं कि प्रौद्योगिकी ने लगातार बुनियादी रूप से दुनिया का एक नया आकार दिया है और देगा।
- ब्रुकिंग्स इंस्टीट्यूट में एक प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा, लेकिन कृषि उत्पादकता बढ़ाने के परंपरागत आर्थिक रास्ते से हल्के विनिर्माण तथा उसके बाद पूर्ण रूप से औद्योगिकरण सभी विकासशील देशों के संभव नहीं हो सकता।
- किम ने कहा, ऐसी संभावना है कि अफ्रीका के बड़े हिस्से में प्रौद्योगिकी बुनियादी रूप से इस प्रतिरूप को प्रभावित कर सकती है।
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मंडरा रहा है नौकरियों पर बड़ा खतरा
- विश्वबैंक के शोध आधारित आंकड़ों के अनुसार स्वचालन से भारत में 69 प्रतिशत, चीन में 77 प्रतिशत तथा इथोपिया में 85 प्रतिशत रोजगार को खतरा है।
- उन्होंने कहा, अगर यदि यह सच है और यदि इन देशों में नौकरियां जाती हैं तो हमें समझना होगा कि इन देशों के लिये आर्थिक वृद्धि के कौन से रास्ते उपलब्ध होंगे और उसके अनुसार बुनियादी ढांचे के बारे में रूख को अपनाना होगा।
- विश्वबैंक प्रमुख ने कहा कि मशीनीकरण और प्रौद्योगिकी से परंपरागत औद्योगिक उत्पादन बाधित हुआ है और हाथ से किये जाने वाले कई काम समाप्त हुए हैं। इस प्रवृत्ति से अमेरिका समेत हर देश के लोग प्रभावित हुए हैं।