कोलकाता। विश्वबैंक की एक नयी रिपोर्ट में कहा गया है कि दक्षिण एशियाई देशों के बीच आपसी व्यापार संभावनाओं की तुलना में काफी कम है। उसने कहा कि इसका कारण भरोसे की कमी तथा माल एवं सेवा के प्रवाह में रुकावटें है।
विश्वबैंक के प्रमुख अर्थशास्त्री संजय कथूरिया द्वारा लिखी गयी रिपोर्ट ‘अ ग्लास हॉफ फुल: दी प्रॉमिस ऑफ रीजनल ट्रेड इन साउथ एशिया’ में कहा गया कि मजबूत क्षेत्रीय व्यापार एवं संपर्क से भारत को दक्षिण एशियाई देशों के साथ व्यापार अभी के 23 अरब डॉलर से बढ़ाकर 67 अरब डॉलर करने में मदद कर सकता है। उसने कहा कि व्यापार सहयोग बढ़ने से क्षेत्र के सभी देशों को लाभ होगा।
रिपोर्ट में कहा गया कि अभी भारत और पाकिस्तान के बीच महज दो अरब डॉलर का व्यापार होता है जो व्यापार रुकावटें नहीं होने की स्थिति में 37 अरब डॉलर पर पहुंच सकता है। विश्वबैंक ने कहा कि दक्षिण एशियाई देशों के बीच व्यापार क्षमता बढ़ाने के लिए आपसी भरोसे में कमी कम होना चाहिए। रिपोर्ट में इस संदर्भ में कहा गया कि भारत-बांग्लादेश सीमा पर हाट बनाने से दोनों देशों के बीच व्यपार बढ़ा है तथा तस्करी में कमी आयी है।