नई दिल्ली। विश्व बैंक ने आज भारत की वृद्धि दर वित्त वर्ष 2018-19 में 7.3 प्रतिशत और वित्त वर्ष 2019-20 में 7.5 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है। विश्व बैंक द्वारा आज जारी द्विवार्षिक प्रकाशन, इंडिया डेवलपमेंट अपडेट्स् इंडियाज ग्रोथ स्टोरी यानी भारत की अद्यतन स्थिति: देश की वृद्धि-गाथा नामक रिपोर्ट में कहा गया है कि 31 मार्च को समाप्त हो रहे चालू वित्त वर्ष में वृद्धि दर 6.7 प्रतिशत रहने की उम्मीद है।
हालांकि, रिपोर्ट में कहा गया है कि 8 प्रतिशत की वृद्धि दर के लिए ऋण और निवेश से संबंधित मुद्दों को सुलझाने और निर्यात की प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाने के बीच निरंतर सुधार और उसके दायरे को बढ़ाने की आवश्यकता होगी।
विश्व बैंक ने रिपोर्ट में कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था के नोटबंदी और जीएसटी के प्रभाव से उभरने की संभावना है और वृद्धि दर धीरे-धीरे आसन्न नए कारकों के अनुरूप अपने क स्तर पर लौट सकती है, जो करीब 7.5 प्रतिशत है।
विश्व बैंक ने कहा है कि नोटबंदी और माल एवं सेवा कर (जीएसटी) जैसी पहलों का अल्प अवधि में देश की आर्थिक गतिविधियों पर प्रभाव पड़ा। चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में वृद्धि दर5.7 प्रतिशत पर आ गई थी। विश्व बैंक ने रिपोर्ट में कहा कि वृद्धि दर में तेजी लाने के लिए वैश्विक अर्थव्यवस्था में लगातार एकीकरण की आवश्यकता होगी।