नई दिल्ली। वर्ल्ड बैंक ने अनुमान जताया है कि भारत विश्व की सबसे तेज गति से बढ़ रही अर्थव्यवस्था के रूप में अपनी स्थिति को कायम रख सकता है। विश्व बैंक का कहना है कि वित्त वर्ष 2018-19 में भारत की विकास दर 7.3 प्रतिशत, जबकि अगले दो वर्षों में 7.5 प्रतिशत रह सकती है।
वर्ल्ड बैंक की ग्लोबल इकोनॉमिक्स प्रोस्पेक्ट्स की रिपोर्ट के मुताबिक, तेज निजी खपत और मजबूत निवेश की वजह से विकास दर को लेकर यह अनुमान जताया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक भारत की जीडीपी विकास दर पांच लगातार तिमाहियों में कम रहने की वजह से 2017 में निम्नतम बिंदु पर रही लेकिन इसमें बेहतरीन सुधार हुआ है। रिपोर्ट में कहा गया है कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के क्रियान्वयन से हुई अस्थाई बाधा को भारत ने पार कर लिया है और विनिर्माण उत्पादन और औद्योगिक उत्पादन भी मजबूत बना हुआ है।
वैश्विक अर्थव्यवस्था की सेहत अच्छी, पर आगे वृद्धि पड़ सकती है धीमी
वर्ल्ड बैंक ने कहा है कि बराबर व्यवस्थित ढंग से बढ़ रही वैश्विक अर्थव्यवस्था कम से कम एक दो वर्ष तक मजबूत बनी रहेगी पर वृद्धि की रफ्तार हल्कीफुल्की कम हो सकती है। बैंक का अनुमान है कि वैश्विक वृद्धि इस वर्ष के 3.1 प्रतिशत से थोड़ा गिरकर अगले वर्ष 3 प्रतिशत हो जाएगी और 2020 में यह 2.9 प्रतिशत होगी।
वर्ल्ड बैंक ने कहा कि सामान्य तौर पर वैश्विक अर्थव्यवस्था बेहतर स्थिति में है लेकिन विकसित देशों में बढ़ती ब्याज दरों और विकासशील देशों में जिंसों की कमजोर मांग के चलते चुनौती आ सकती है। इसके अलावा वैश्विक अर्थव्यवस्था के सामने व्यापार से जुड़े विवादों, वित्तीय अस्थिरता और भू-राजनीतिक तनाव का भी जोखिम है।
बैंक ने अनुमान जताया है कि कर कटौती की मदद से अमेरिका की वृद्धि दर 2018 में 2.7 प्रतिशत रहेगी, पर अगले वर्ष गिरकर 2.5 प्रतिशत और 2020 में 2 प्रतिशत पर आ जाएगी। इसी प्रकार, चीन की वृद्धि दर इस वर्ष 6.5 प्रतिशत रहने की उम्मीद है, जो कि 2019 में 6.3 प्रतिशत और 2020 में 6.2 रह जाएगी।