नई दिल्ली। वर्ल्ड बैंक ने बुधवार को भारत और पाकिस्तान दोनों को ऋण देने की घोषणा की। वर्ल्ड बैंक से ऋण पाने के मामले में इस बार पाकिस्तान ने भारत से बाजी मारी है। वर्ल्ड बैंक ने पाकिस्तान को जहां 80 करोड़ डॉलर के ऋण्एा को मंजूरी दी है, वहीं भारत को 50 करोड़ डॉलर ऋण स्वीकृत किया है।
स्वच्छ ऊर्जा व मानव पूंजी विकास के लिए मिलेगा पाकिस्तान को 80 करोड़ डॉलर का ऋण
विश्व बैंक ने स्वच्छ ऊर्जा और मानव पूंजी विकास से संबंधित योजनाओं के वित्तपोषण के लिए पाकिस्तान को 80 करोड़ अमेरिकी डॉलर के ऋण को मंजूरी दी है। एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार ने बुधवार को बताया कि ऋण राशि का इस्तेमाल उन योजनाओं के लिए किया जाएगा, जो वित्त वर्ष 2021-22 के बजटीय घाटे के कारण पूरी नहीं हो सकीं थीं। वर्ल्ड बैंक के निदेशक मंडल ने दो कार्यक्रमों प्रोग्राम फॉर अफोर्डेबल एंड क्लीन एनर्जी (पेस) और सिक्योरिंग ह्यूमन इनवेस्टमेंट टू फोस्टर ट्रांसफॉर्मेशन (शिफ्ट-दो) के वित्तपोषण को मंजूरी दी।
अखबार ने विश्व बैंक के दस्तावेजों का हवाला देते हुए बताया कि सरकार द्वारा कम से कम छह पूर्व शर्तों को स्वीकार करने के बाद बोर्ड ने 40 करोड़ अमेरिकी डॉलर के पेस ऋण को मंजूरी दी। इन शर्तों में बिजली उत्पादन लागत में कमी सुनिश्चित करना, नई बिजली परियोजनाओं के लिए प्रतिस्पर्धी बोली, स्वच्छ ऊर्जा, बिजली की दरों में 1. 95 रुपये प्रति यूनिट की वृद्धि शामिल हैं। विश्वबैंक ने शिफ्ट-दो के लिए 40 करोड़ अमेरिकी डॉलर को भी मंजूरी दी जो मानव पूंजी संचय के लिए बुनियादी वितरण सेवा को मजबूत करने के लिए एक संघीय ढांचे का समर्थन करता है।
महामारी में श्रमिकों की मदद के लिए भारत को मिलेगा 50 करोड़ डॉलर का ऋण
वर्ल्ड बैंक ने कोविड-19 महामारी से प्रभावित भारत के असंगठित क्षेत्र के मजदूर वर्ग की मदद के लिए बुधवार को 50 करोड़ डॉलर यानी 3,717. 28 करोड़ रुपये के ऋण को मंजूरी दी। बैंक ने एक बयान में कहा कि यह ऋण महामारी, भविष्य की स्थिति और आपदा के प्रभावों से निपटने में राज्यों को मजबूती देगा। वर्ल्ड बैंक के अनुसार 50 करोड़ डॉलर ऋण में से 11. 25 करोड़ डॉलर रियायती ऋण देने वाली उसकी एजेंसी अंतरराष्ट्रीय विकास संघ (आईडीए) की ओर से दिया जाएगा। शेष 38. 75 करोड़ डॉलर का कर्ज पुनर्निर्माण और विकास के लिए अंतर्राष्ट्रीय बैंक द्वारा मंजूर किया गया है।
बैंक के अनुसार यह ऋण 18. 5 वर्षो में लौटाना है। इसमें पांच वर्ष की छूट की अवधि शामिल है। बैंक ने कहा कि कोविड महामारी की शुरुआत के बाद से गरीब और कमजोर परिवारों की मदद के लिए भारत के सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रमों को मजबूत करने की दिशा में वह अबतक 1. 65 अरब डॉलर यानी 12,264. 54 करोड़ रुपये का ऋण दे चूका है। उसने कहा कि इस राशि का उपयोग शहर के अनौपचारिक श्रमिकों, अस्थायी कर्मियों और प्रवासी मजदूरों के लिए सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रम में किया जाएगा।
रेहड़ी पटरी पर सामान बेचने वाले भारत की शहरी अनौपचारिक अर्थव्यवस्था का एक अभिन्न अंग हैं। यह कार्यक्रम ऐसे लोगों को कम धंधे के लिए 10,000 रुपये तक के ऋण सहायता देने के लिए है। इस कार्यक्रम से करीब पचास लाख रेहड़ी पटरी वालों को सहायता मिलेगी।
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