चेन्नई। वर्ल्ड बैंक ने भारत के पहले जलमार्ग प्रोजेक्ट के लिए 37.5 करोड़ डॉलर का ऋण मंजूर कर दिया है। राष्ट्रीय जलमार्ग-1 प्रोजेक्ट के तहत गंगा नदी पर वाराणसी और हल्दिया के बीच 1360 किलोमीटर लंबा मार्ग बनाया जाएगा।
वर्ल्ड बैंक ने अपने बयान में कहा है कि नेशनल वाटरवे-1 भारत के बहुत अधिक जनसंख्या वाले इलाकों से होकर गुजरता है और देश का 40 फीसदी व्यापार यहां होता है। इन क्षेत्रों में सालाना तकरीबन 37 करोड़ टन माल की ढुलाई होती है और इसमें से केवल 50 लाख टन माल ही वर्तमान में जलमार्ग के जरिये भेजा रहा है।
यह प्रोजेक्ट इस क्षेत्र में वाटर ट्रांसपोर्टेशन के विकास में जरूरी इंफ्रास्ट्रकचर के निर्माण में सहयोगी होगा। वर्ल्ड बैंक द्वारा मंजूर किए गए लोन से नदी के किनारे छह मल्टी-मॉडल टर्मिनल, 10 आरओआरओ जेटी, शिप रिपेयर सुविधा के साथ ही साथ पैसेंजर जेटी का निर्माण किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट के तहत इनलैंड वाटरवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया को रिवर इंफोर्मेशन सिस्टम के साथ ही साथ नेवीगेशन उपकरण खरीदने के लिए भी वित्तीय मदद दी जाएगी, ताकि नदी पर यात्रा को अधिक सुरक्षित और विश्वसनीय बनाया जा सके।
इस प्रोजेक्ट के तहत लॉ-ड्राफ्ट बार्जेस के नए फ्लीट के डिजाइन और डेवलपमेंट में भी मदद की जाएगी, जो 2000 टन माल ढोने में सक्षम होंगे। इंटरनेशनल बैंक फॉर रिकंस्ट्रक्शन एंड डेवलपमेंट (आईबीआरडी) ने यह 37.5 करोड़ डॉलर का यह ऋण 7 साल के ग्रेस पीरियड के साथ 17 साल के दिया है।