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वर्ल्ड बैंक ने की आधार कार्ड की तारीफ, कहा- अन्य देशों को भारत से सीखना चाहिए

वर्ल्ड बैंक ने यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) से कहा है कि वह आधार योजना को लागू करने से जुड़े अपने अनुभव अन्य देशों के साथ शेयर करें।

Ankit Tyagi
Published : September 09, 2016 11:31 IST
वर्ल्ड बैंक ने की आधार कार्ड की तारीफ, कहा- अन्य देशों को भारत से सीखना चाहिए
वर्ल्ड बैंक ने की आधार कार्ड की तारीफ, कहा- अन्य देशों को भारत से सीखना चाहिए

नई दिल्ली। भारत के आधार कार्ड सिस्टम का लोहा अब पूरी दुनिया मानने लगी है। वर्ल्ड बैंक ने यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) से कहा है कि वह आधार योजना को लागू करने से जुड़े अपने अनुभव अन्य देशों के साथ शेयर करें। आपकों बता दें हाल में वर्ल्ड बैंक ने रिपोर्ट जारी कर बताया था कि दुनिया भर में डेढ़ अरब लोगों के पास उनकी लीगल आइडेंटिटी के प्रमाण के तौर पर कोई आधिकारिक, सरकारी या मान्यता प्राप्त डॉक्युमेंट नहीं है। इनमें से ज्यादातर लोग अफ्रीका और एशिया में हैं।

एक टीम जल्द आएगी भारत

UIDAI के चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर अजय भूषण पांडेय ने एक अंग्रेजी अखबार से बाताया कि कि नाइजीरिया वर्ल्ड बैंक ने UIDAI मॉडल को स्टडी करने के लिए अपनी टीम भारत भेजेगा। इस काम के लिए तंजानिया की एक टीम इसी महीने यहां आ रही है। पांडेय ने कहा, ‘यह सब वर्ल्ड बैंक के आइडेंटिफिकेशन फॉर डिवेलपमेंट (ID4D) अभियान के तहत हो रहा है। हम यहां आने वाली टीमों को नॉलेज एक्सचेंज के जरिए हर मुमकिन मदद देंगे।

पहले भी आधार को समझने के लिए कई देश आ चुके है भारत

वर्ल्ड बैंक ने अंग्रेजी अखबार के भेजे ई-मेल के जवाब में लिखा है, ‘UIDAI के आधार कार्यान्वयन से ID4D अनुभव और सबक लेना चाहता है ताकि वह उसको दूसरे देशों से शेयर कर सके। इसके लिए तंजानिया का एक प्रतिनिधिमंडल निकट भविष्य में भारत आ सकता है। UIDAI के CEO ने कहा कि कई देशों ने UIDAI से निजी तौर पर मदद मांगी है। इन देशों में पड़ोस के करीबी कूटनीतिक साझीदार अफगानिस्तान और बांग्लादेश शामिल हैं। इन दोनों देशों की टीम भी UIDAI मॉडल देखने इंडिया आ चुकी है।

कई मायनों में भारत का आधार है सबसे बेहतर

आधार में दूसरे देशों की दिलचस्पी इसलिए पैदा हो रही है कि इंडिया में सबसे बड़ा बायोमीट्रिक आइडेंटिटी डेटाबेस है। वह इस मामले में अफ्रीका और एशिया के दूसरे देशों से बहुत आगे निकल गया है। इन देशों के पास नागरिकों का डेटाबेस है लेकिन वह पेपर बेस्ड रजिस्टर रिकॉर्ड्स तक सीमित है।

दूसरे देशों की सरकारें जानना चाहती हैं कि कैसे 104 करोड़ का स्ट्रॉन्ग बायोमीट्रिक डेटाबेस तैयार हुआ और किसी की आइडेंटिटी तय करने के लिए कैसे इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। UIDAI इस बात का पूरा ध्यान रख रहा है कि कहीं आधार प्रोजेक्ट के पेचीदा सिक्योरिटी और आईटी डिटेल उन देशों के पास ना चले जाएं, जो अपने यहां UIDAI जैसा प्रोजेक्ट लागू करना चाहते हैं। इस बारे में एक सीनियर गवर्नमेंट ऑफिसर ने बताया, हम उनके साथ आधार प्रोजेक्ट का सिर्फ फ्रेमवर्क और आर्किटेक्चर शेयर कर रहे हैं। हम उनको एनरोलमेंट और ऑथेंटिकेशन स्ट्रैटेजी के साथ अपडेशन प्रोसेस के बारे में भी बता रहे हैं। UIDAI किसी दूसरे देश के लिए प्रोजेक्ट तैयार नहीं कर सकता, क्योंकि वह आधार एक्ट से बंधा है।

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