नई दिल्ली: संपत्ति सलाहकार कंपनी एनारॉक के अनुसार देश के सात शहरों में 1.4 लाख करोड़ रुपये की 1.74 लाख इकाइयों का काम पूरी तरह ठप हैं। इसमें से 66 प्रतिशत मकान दिल्ली-एनसीआर में हैं। एनारॉक ने कहा कि उसने अपने अनुसंधान में उन्हीं आवासीय परियोजनाओं को शामिल किया है जो 2014 में या उसके बाद शुरू हुई है। उसने कहा कि देशभर के सात शहरों में ठप और लंबित इकाइयों की संख्या 6,28,630 हैं जिनकी कीमत 5,05,415 करोड़ रुपये है। ये इकाईयां दिल्ली-एनसीआर, मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर), पुणे, बेंगलुरु, हैदराबाद, चेन्नई और कोलकाता में हैं।
एनारॉक के निदेशक और प्रमुख (अनुसंधान) प्रशांत ठाकुर ने कहा, "वर्ष 2021 की पहली छमाई तक लगभग 6.29 लाख ऐसी इकाइयां हैं, जिन्हें शीर्ष-सात शहरों में पूरा किया जाना बाकी है। सात शीर्ष शहरों में पूरी तरह से ठप 1.74 लाख घरों की कुल कीमत वर्तमान में 1,40,613 करोड़ रुपये से अधिक है।" उसने बताया कि शहरों के इस हिसाब से दिल्ली-एनसीआर बाजार में सबसे अधिक 1,13,860 इकाइयां ठप हैं। जो सात शहरों की कुल इकाइयों का 66 प्रतिशत है। वही मुंबई में 41,730 इकाई, पुणे में 9,990 इकाई, बेंगलुरु में 3,870 इकाई और हैदराबाद में 4,150 इकाइयां ठप हैं। चेन्नई में इसी तरह की कोई भी इकाई नहीं हैं।