कोच्चि। सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में घर से काम (वर्क फ्रॉम होम) करने का चलन बढ़ रहा है। इससे कार्यबल में नवाजत बच्चों की मां और दिव्यांग भी जुड़ पा रहे हैं और इसका समाज पर सकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। केरल में आईटी पार्क्स के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) जॉन एम थॉमस ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि कंपनियां इस तरह के 'मिश्रित' तरीकों से काम करना जारी रखेंगी और कार्यबल को कम नहीं करेंगी।
थॉमस ने शुक्रवार को जारी एक बयान में कहा, "घर से काम करने के चलन को अधिक स्वीकृति मिली है और यह इसी तरह चलने वाला है। इसका आईटी क्षेत्र और समाज पर सकरात्मक प्रभाव पड़ा है। इस नए चलन में नवजात बच्चों की मां और विकलांगों के जुड़ने से कार्यबल का भी विस्तार हुआ है। साथ ही शहरों में जाम की स्थिति में भी कमी आई है।"
उन्होंने कहा कि उद्योग पटरी पर लौट रहा है और घर से काम करने के मॉडल पर 18 महीने से अधिक समय बिताने के बाद कर्मचारी धीरे-धीरे अपने कार्यालयों में लौट रहे हैं। थॉमस ने कहा कि कोविड-19 नियमों में ढील, प्रतिबंधों में छूट और कर्मचारियों के पूर्ण टीकाकरण के साथ राज्य में कंपनियां अगले साल की शुरुआत तक कार्यालय से काम फिर से शुरू करने की योजना बना रही हैं। उन्होंने कहा कि आईटी कंपनियां घर और दफ्तर दोनों जगह से काम यानी मिश्रित कामकाजी मॉडल अपनाना पसंद करेंगी।