मैड्रिड। स्पेन में महिलाओं को रोजाना 13 घंटे काम करना पड़ता है लेकिन उन्हें पारिश्रमिक सिर्फ 7.3 घंटे का मिलता है। यह बात ईएई बिजनेस स्कूल की रिपोर्ट से सामने आई है। समाचार एजेंसी शिन्हुआ के मुताबिक, प्रोफेसर लॉरा सैगनियर की ओर से किए गए एक अध्ययन में बताया गया है कि स्पेन में महिलाओं को कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है। उन्हें खासतौर से बच्चों की देखभाल समेत घरेलू काम के लिए पारिश्रमिक नहीं दिया जाता है।
अध्ययन में शामिल 2,400 महिलाओं ने घर को एक बड़ा मसला बताया है। उनका कहना है कि आय में अंतर के बावजूद उन्हें परिवार के खर्च में 42 फीसदी योगदान करना होता है। बच्चे होने पर महिलाओं की मुसीबत और बढ़ जाती है। मां को घर के काम में 76 फीसदी योगदान देना पड़ता है जबकि पिता सिर्फ 24 फीसदी योगदान देते हैं। यह रिपोर्ट स्पेन में गुरुवार को हुई ऐतिहासिक नारीवादी हड़ताल के एक दिन पहले प्रकाशित हुई है।
महिलाओं के विरोध की वजह यह है कि एक ही प्रकार के काम के लिए पुरुषों को ज्यादा तन्ख्वाह मिलती है जबकि महिलाओं को कम वेतन दिया जाता है। महिलाओं की यह हड़ताल लैंगिक हिंसा, यौन दुराचार आदि को लेकर भी थी।