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मुद्रास्‍फीति है अभी बहुत ज्‍यादा, RBI मौद्रिक-नीति समीक्षा में नीतिगत ब्याज दर रख सकता है स्थिर

रघुराम राजन खुदरा मुद्रास्‍फीति के रुझानों को देखते हुए कल मौद्रिक नीति की अपनी आखिरी समीक्षा में नीतिगत ब्याज दर में फिलहाल शायद ही कोई ढील दें।

Abhishek Shrivastava
Published on: August 08, 2016 14:40 IST
मुद्रास्‍फीति है अभी बहुत ज्‍यादा, RBI मौद्रिक-नीति समीक्षा में नीतिगत ब्याज दर रख सकता है स्थिर- India TV Paisa
मुद्रास्‍फीति है अभी बहुत ज्‍यादा, RBI मौद्रिक-नीति समीक्षा में नीतिगत ब्याज दर रख सकता है स्थिर

नई दिल्ली। विश्लेषकों की राय में रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन खुदरा मुद्रास्‍फीति के रुझानों को देखते हुए कल मौद्रिक नीति की अपनी आखिरी समीक्षा में नीतिगत ब्याज दर में फिलहाल शायद ही कोई ढील दें। मुद्रास्फीति इस समय संतोषजनक स्तर से कुछ ऊपर है। इस बार की द्वैमासिक मौद्रिक नीतिगत समीक्षा बैठक ऐसी आखिरी बैठक होगी, जिसमें नीतिगत दरों का निर्णय आरबीआई गवर्नर करते हैं। इसके बाद यह काम छह सदस्यों वाली नई मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) करेगी। एमपीसी चार अक्‍टूबर को अगली समीक्षा बैठक से पहले अपनी जिम्मेदारी संभाल लेगी।

रुपए की मौजूदा स्थिति काफी ठीकठाक: राजन

सरकार इस महीने मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) में सरकार का प्रतिनिधित्व करने वाले तीन सदस्यों के अलावा राजन के उत्तराधिकारी का नाम भी सुझा सकती है। आने वाले दिनों में ब्याज दर निर्धारित करने वाली नई मौद्रिक नीति समिति मौद्रिक नीति संबंधी फैसले इस लक्ष्य को ध्यान में रख कर करेगी। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की चेयरपर्सन अरुंधति भट्टाचार्य ने कहा, हमें उम्मीद है कि नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं होगा क्योंकि सब्जियों की कीमत बढ़ रही है, सब्जियों की कीमत घटने में कुछ महीने लग सकते हैं जब तक कि खरीफ की फसल बाजार में नहीं आ जाती। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक या खुदरा मुद्रास्फीति जून में 5.77 फीसदी रही, जो पिछले 22 महीने का उच्चतम स्तर है।

यस बैंक के प्रबंध निदेशक राणा कपूर का हालांकि मानना है कि वृहत्-आर्थिक हालात आरबीआई के लिए नीतिगत दर में 0.50 फीसदी की कटौती की गुंजाइश पैदा करते हैं। उन्होंने कहा कि इसके अलावा ब्रिटेन समेत विभिन्न देशों में नीतिगत दरें कम की जा रही हैं, जिससे केंद्रीय बैंक द्वारा नीतिगत दर में कटौती की उम्मीद बढ़ती है। राजन ने पिछले साल जनवरी से अब तक ब्याज दर में 1.5 फीसदी की कटौती की है। विशेषज्ञों का मानना है कि नकद आरक्षित अनुपात :सीआरआर: में भी बदलाव नहीं किया जाएगा क्योंकि नकदी पर्याप्त है। एक सरकारी बैंक के ट्रेजरी प्रमुख ने कहा, इस समीक्षा में कुछ भी नहीं बदलने वाला क्योंकि खुदरा मुद्रास्फीति का स्तर वहां तक नहीं पहुंचा है, जितना आरबीआई चाहता था। बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल लिंच का मामना है कि अच्छी बारिश से यदि दाल की कीमतों पर नरमी आती है तो आरबीआई नौ अगस्त को वित्त वर्ष 2016-17 की तीसरी द्विमासिक नीतिगत समीक्षा में नीतिगत ब्याज दर (रेपो) 0.25 फीसदी कम कर सकता है।

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