हैदराबाद: मोदी सरकार में देश ने अब बड़ी सफलता हासिल कर ली है। केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने शनिवार को जानकारी देते हुए बताया कि भारत के पास अब रिकॉर्ड 590 अरब डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार है, जो साल भर पहले की तुलना में 119 अरब डॉलर अधिक है। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही देश अब ‘शुद्ध ऋणदाता’ बन गया है। शुद्ध ऋणदाता ऐसी स्थिति को कहा जाता है जब विदेशी मुद्रा भंडार कुल विदेशी कर्ज से अधिक हो जाये। भारत के ऊपर 554 अरब डॉलर का विदेशी कर्ज है।
ठाकुर ने कहा कि देश महामारी के बाद 'वी' आकार का पुनरुद्धार देख रहा है, जो पिछले चार महीनों के दौरान माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के संग्रह से स्पष्ट है। उन्होंने कहा, ‘‘यदि आप भारतीय विदेशी मुद्रा भंडार देखते हैं, तो भारत में विदेशी मुद्रा भंडार 590 अरब डॉलर से अधिक है, जो अब तक का सबसे ऊंचा स्तर है। यह पिछले वर्ष की तुलना में 119 अरब डॉलर अधिक है। यदि आप विदेशी ऋण को देखते हैं, तो यह केवल 554 अरब डॉलर है। अत: भारत अब एक शुद्ध ऋणदाता है।’’
मंत्री ने कहा, जीएसटी संग्रह बताता है कि अर्थव्यवस्था ठीक हो रही है क्योंकि सरकार ने जीवन और अर्थव्यवस्था को बचाने के लिये सही कदम उठाये हैं। उन्होंने कहा कि भारत को निर्णायक नेतृत्व के कारण कोविड-19 के दौरान भी सबसे अधिक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश प्राप्त हुआ। ठाकुर ने कहा कि जनवरी में देश का जीएसटी संग्रह 1.20 लाख करोड़ रुपये के आसपास रहा है।
उन्होंने उम्मीद जतायी कि भारत अगले चार-पांच वर्ष में पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बन जायेगा। उन्होंने बजट को पारदर्शी बताते हुए इसकी मुख्य विशेषताओं की भी जानकारी दी। राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड (आरआईएनएल) के विनिवेश प्रस्ताव पर ठाकुर ने कहा कि नीति आयोग की सिफारिशों के आधार पर केंद्र समय-समय पर सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों के विनिवेश के बारे में फैसला करेगा।