बेंगलुरु। देश की तीसरी सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर सेवा प्रदाता कंपनी विप्रो का तिमाही मुनाफा दिसंबर 2015 में समाप्त तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) के दौरान मामूली 1.8 फीसदी बढ़कर 2,234.1 करोड़ रुपए रहा है। पिछले साल की समान अवधि में कंपनी को 2,192.8 करोड़ रुपए का मुनाफा हुआ था।
विप्रो ने बंबई शेयर बाजार को बताया कि कंपनी की आय 7.1 फीसदी बढ़कर 12,951.6 करोड़ रुपए हो गई है, जो पिछले साल की इसी अवधि में 12,085.1 करोड़ रुपए थी।
कंपनी ने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी सेवाओं से आय सालाना स्तर पर नौ फीसदी बढ़कर 12,310 करोड़ रुपए (1.86 अरब डॉलर) रही है। कंपनी ने पहले ही आगाह किया था कि तीसरी तिमाही में छुट्टियों और चेन्नई में आई बाढ़ के मद्देनजर नतीजा उत्साहजनक नहीं रहेगा। विप्रो ने कहा था कि उसे समीक्षाधीन तिमाही में उसकी आय 184.1-187.8 करोड़ डॉलर के निचले दायरे में रहने की संभावना है।
चौथी तिमाही के लिए विप्रो को उम्मीद है कि सूचना प्रौद्योगिकी सेवा कारोबार से उसकी आय 187.5-191.2 करोड़ डॉलर के दायरे में रहेगी। विप्रो के निदेशक मंडल के सदस्य और मुख्य कार्यकारी टीके कुरियन ने कहा कि हमारी आय अनुमान के मुताबिक रही। हमने वैश्विक बुनियादी ढांचा सेवाओं के नेतृत्व में बड़े सौदे किए हैं। उन्होंने कहा कि ग्राहक चाहते हैं कि परिचालन आसान हो और सूचना प्रौद्योगिकी पर व्यय का पूरा लाभ मिले। कंपनी पूरी तरह से इस रुझान का फायदा उठाने की स्थिति में है। विप्रो के मुख्य वित्त अधिकारी जतिन दलाल ने कहा कि चेन्नई बाढ़ से आय को होने वाला नुकसान कारोबार निरंतरता योजना (बीसीपी) से बहुत कम हुआ है। उन्होंने कहा कि बीसीपी पर अतिरिक्त व्यय से समीक्षाधीन तिमाही में परिचालन लाभ प्रभावित होगा।