नई दिल्ली। आईटी कंपनी विप्रो ने बुधवार को जर्मन की आईटी कंसल्टिंग कंपनी सेलेंट (Cellent) एजी की 100 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने की घोषणा की है। यह पूरा सौदा नकदी में होगा और इस पर कंपनी कुल 7.8 करोड़ डॉलर खर्च करेगी। विप्रो यूरोप में अपनी ग्रोथ को तेज करना चाहती है, इसलिए उसने इस कंपनी का अधिग्रहण किया है। सेलेंट जर्मनी, ऑस्ट्रिया और स्विट्जरलैंड में पिछले 14 सालों से ग्राहकों को सेवाएं उपलब्ध करा रही है। विप्रो ने बताया कि सेलेंट के पास 800 कंसल्टेंट्स की टीम है।
वर्ष 2014 में जर्मन की इस आईटी कंपनी ने 9.2 करोड़ डॉलर का रेवेन्यू हासिल किया था। विप्रो लिमिटेड के चीफ एग्जीक्यूटिव (मैन्युफैक्चरिंग और हाईटेक) एनएस बाला ने कहा कि सेलेंट बड़े ग्राहकों के साथ एक अच्छी तरह स्थापित कंपनी है। एक एक जानामाना ब्रांड है और इसके पास मजबूत स्थानीय कौशल है। सेलेंट डीएसीएच रीजन में विप्रो की उपस्थिति को मजबूत करने में मददगार होगा, विशेषकर मैन्युफैक्चरिंग और ऑटोमोटिव सेक्टर में।
यह सौदा 31 मार्च 2016 तक पूरा होने की उम्मीद है। वर्तमान में सेलेंट पर लैंडसबैंक बैडेन वाटरबर्ग (एलबीबीडब्ल्यू) का स्वामित्व अधिकार है। सौदे के तहत विप्रो सेलेंट के सभी ऑफिस को अपने कब्जे में लेगी और इसके सभी 800 कर्मचारियों को भी नौकरी पर बरकरार रखेगी। इस सौदे के लिए जर्मनी में फेडरल कार्टेल ऑफिस से मंजूरी हासिल करना होगा।