नई दिल्ली। विप्रो ने बुधवार को कहा कि वह अमेरिकी कंपनी विटियोस समूह का 13 करोड़ डॉलर (करीब 861 करोड़ रुपए) में अधिग्रहण करेगी। इस पहल से देश की सबसे बड़ी सूचना प्रौद्योगिकी कंपनी को पूंजी बाजार के आउटसोर्सिंग दायरे में अपनी स्थिति मजबूत करने में मदद मिलेगी।
विप्रो ने एक बयान में कहा कि विप्रो ने 13 करोड़ डॉलर में विटियोस ग्रुप के अधिग्रहण के लिए समझौता किया है, जो वैकल्पिक निवेश प्रबंधन उद्योग के लिए बीपास (बिजनेस प्रोसेसिंग ऐज अ सर्विस) प्रदान करता है। कंपनी की स्थापना 2003 में हुई थी और इसका मुख्यालय न्यूजर्सी के सॉमरसेट में है। यह छाया-लेखा सेवा के क्षेत्र में प्रमुख कंपनी है और अपने 400 कर्मचारियों के जरिये मध्यम एवं बैक-ऑफिस आउटसोर्सिंग सेवा प्रदान करती है। विप्रो ने कहा कि वीटियोस के प्रौद्योगिकी आधारित समाधान से आय बढ़ेगी। इस सौदे को नियामकीय मंजूरी मिलनी बाकी है, यह सौदा मार्च 2016 की तिमाही में पूरा होने की उम्मीद है।
पीरामल एंटरप्राइजेज ने 92 करोड़ में किया पांच ओटीसी ब्रांड का अधिग्रहण
पीरामल एंटरप्राइजेज लिमिटेड की कंज्यूमर प्रोडक्ट्स डिवीजन ने 92 करोड़ रुपए में ऑर्गेनॉन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और एमएसडी बीवी के पांच ब्रांड के अधिग्रहण की घोषणा की है। पीरामल एंटरप्राइजेज लिमिटेड ने बंबई शेयर बाजार को बताया कि इस अधिग्रहण में मुख्य तौर पर पांच ब्रांड नेचरोलैक्स, लैक्टोबेसिल और फारिजीम शमिल हैं। इन ब्रांड की भारतीय उपभोक्ताओं के बीच बहुत मांग है। इन पांचों ब्रांडों के ट्रेडमार्क अधिकार भारत के लिए हासिल किए गए हैं।
पीरामल एंटरप्राइजेज के कार्यकारी निदेशक नंदिनी पीरामल ने कहा कि अपनी रणनीति के मुताबिक हम ओवर द काउंटर बाजार में 2020 तक तीन शीर्ष कंपनियों में शामिल होना चाहते हैं और इन ब्रांड के पोर्टफोलियो में शामिल करने से हमें इस उद्देश्य को तेजी से हासिल करने में मदद मिलेगी।