शिमला। हिमाचल प्रदेश में अब शराब पीना महंगा शौक हो जाएगा। राज्य मंत्रिमंडल ने नई आबकारी नीति को मंजूरी दे दी है। इसमें शराब कारोबार की देखरेख के लिए निगम के गठन का भी प्रस्ताव है।
करीब नौ साल बाद आबकारी नीति में बदलाव किया गया है। इसके तहत यह व्यवस्था की गई है कि अब शराब लाइसेंस स्वत: ही पिछले साल की तुलना में 10 फीसदी की वृद्धि के साथ नवीनीकृत नहीं किए जाएंगे। बल्कि इसके बजाये हर साल प्रतिस्पर्धी बोलियां आमंत्रित की जाएंगी। अधिकारियों ने बताया कि अभी तक कॉन्ट्रैक्टर बोलियों की पूलिंग कर लेते थे, जिससे सरकार को नुकसान होता था। अब सीलबंद निविदाओं से पिछले साल की तुलना में न्यूनतम दस फीसदी की बढ़ोतरी तो सुनिश्चित होगी ही और सबसे ऊंची बोली लगाने वाले को लाइसेंस दिया जाएगा। इससे राज्य सरकार को सालाना 250 से 350 करोड़ रुपए का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होगा।
तस्वीरों में देखिएं शराब कारोबारी विजय माल्या की कहानी
Vijay Mallya
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पेप्सिको ने बेवरेज पोर्टफोलियो का किया विस्तार
गर्मी का सीजन करीब आने के साथ बेवरेज व स्नैक्स बनाने वाली कंपनी पेप्सिको अपने सॉफ्ट ड्रिंक्स पोर्टफोलियो का विस्तार कर रही है क्योंकि कंपनी अपने मुख्य ब्रांडों से अधिक कारोबार हासिल करना चाहती है। पेप्सी, मिरिंडा, माउंटेन ड्यू और ड्यूक्स ब्रांड नाम से सॉफ्ट ड्रिंक्स बेचने वाली पेप्सिको ने हाइड्रोटॉनिक ड्रिंक 7अप रिवाइव लॉन्च कर अपने 7अप ब्रांड का विस्तार किया है।
पेप्सिको इंडिया के उपाध्यक्ष (बेवरेज) विपुल प्रकाश ने कहा, हम अपने पांच बेवरेज ब्रांडों पर ध्यान केंद्रित करेंगे और उन्हें व्यापक बनाएंगे। 7अप इनमें से एक है जिसने इस दिशा में पहला कदम बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि दो-तीन साल पहले पेप्सिको इंडिया ने निंबूज और निंबूज मसाला सोडा पेश किया था।