वाशिंगटन। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि वह ऐसी अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के लिए खाका तैयार करेंगी जो चीन से आगे भारत को निवेश गंतव्य के रूप में देख रही हैं। उन्होंने कहा कि उद्योग जगत के ऐसे दिग्गज जो अपने कारोबार को चीन से बाहर ले जाना चाहते हैं, वे निश्चित रूप से भारत की ओर देख रहे हैं। वित्त मंत्री ने कहा, भारत के लिए जरूरी हो जाता है कि वह इन कंपनियों से मिले और उन्हें अपने यहां आमंत्रित करे।
अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष और विश्व बैंक की वार्षिक बैठक में अपनी परिचर्चा के समापन पर भारतीय संवाददाताओं के समूह के साथ बातचीत में सीतारमण ने कहा, 'निश्चित रूप में मैं ऐसा करूंगी। मैं ऐसी अंतरराष्ट्रीय कंपनियों की पहचान करूंगी, सभी अमेरिकी कंपनियों या किसी अन्य यूरोपीय देश की कंपनी या ब्रिटिश कंपनी जो चीन से निकलना चाहती है, मैं उनसे संपर्क करूंगी और भारत को निवेश के तरजीही गंतव्य के रूप में पेश करूंगी।' उन्होंने कहा कि सरकार का यह निर्णय सिर्फ अमेरिका और चीन के बीच जो चल रहा है सिर्फ उसी पर आधारित नहीं हैं।
उन्होंने कहा, 'इससे या तो स्थिति और खराब या किसी स्तर पर यह प्रभावित करेगा। लेकिन तथ्य यह है कि कंपनियों इसके अलावा भी कई और वजहों से अन्य स्थानों पर स्थानांतरित होना चाहती हैं।' वित्त मंत्री ने कहा कि भारत कंपनियों को देश के बाजार का लाभ लेने के लिए पारिस्थितिकी तंत्र बनाना चाहता है।
उन्होंने कहा, यह बात साफ है कि कंपनियों के लिए भारत ऐसा विकल्प है जिसपर वे विचार करेंगी। सीतारमण ने कहा कि ऐसा माना जाता है कि वियतनाम उतना आकर्षक नहीं है। 'मेरी आज कुछ बैंकों और सरकार के प्रतिनिधियों के साथ भी बात हुई। उनका मानना है कि अब वियतनाम का संकुचन हो रहा है। उसके पास विस्तार के निवेश कार्यक्रमों के लिए श्रमबल की कमी है।'
क्रिप्टोकरेंसी को लेकर सतर्कता बरत रहे हैं देश: सीतारमण
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को कहा कि कई देशों ने क्रिप्टोकरेंसी अपनाने को लेकर चेतावनी दी है। सीतारमण ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) और विश्वबैंक की वार्षिक बैठक में फेसबुक की प्रस्तावित क्रिप्टोकरेंसी 'लिब्रा' को लेकर चली चर्चा के बीच यह टिप्पणी की। उनसे पहले रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने भी क्रिप्टोकरेंसी पर अपनी राय रखी। सीतारमण ने भारतीय संवाददाताओं के एक समूह से कहा, 'हमारी ओर से रिजर्व बैंक के गवर्नर इस बारे में बोल चुके हैं। मुझे ऐसा महसूस हुआ कि कई सारे देश क्रिप्टोकरेंसी अपनाने को लेकर सतर्क हैं।'
सीतारमण ने कहा कि उनमें से कुछ देशों ने कहा कि हममें से किसी को क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल नहीं करना चाहिये। कुछ देशों ने तो यहां तक कहा कि इसे स्थिर मुद्रा भी नहीं कहा जाना चाहिये। उन्होंने कहा कि विभिन्न लोगों ने तीन या चार अलग अलग नामों का सुझाव दिया, लेकिन कुल मिलाकर यही रहा कि इसबारे में कुछ कहे जाने या किये जाने से पहले सभी देश बेहद सतर्कता बरत रहे हैं। आईएमएफ की प्रबंध निदेशक क्रिस्टलीना जॉर्जिवा ने कहा कि डिजिटल मुद्रा के फायदे और इसके जोखिमों के बारे में चर्चा की जा रही है।