नई दिल्ली। किंगफिशर एयरलाइन्स के मालिक और शराब कारोबारी विजय माल्या को भारत भेजने से ब्रिटेन के इंकार के बीच वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा कि जांच एजेंसियां उन्हें वापस लाने के लिए हर तरह का कदम उठाएगी। पिछले सप्ताह ब्रिटेन ने भारत से कहा था कि वह माल्या को भारत वापस नहीं भेज सकता है लेकिन वह उनके प्रत्यर्पण के आग्रह पर विचार कर सकता है। माल्या मनी लांड्रिंग सहित बैंकों के 9,400 करोड़ रूपये के ऋण की वसूली से जुड़े मामलों का सामना कर रहे हैं।
इंडियन वुमन प्रेस कोर में वित्त मंत्री ने कहा, इसमें दो अलग-अलग प्रक्रियाएं हैं। एक वापस भेजने (डिपोर्ट) और दूसरा प्रत्यर्पण का है। वापस भेजने के मामने में पारंपरिक रूप से ब्रिटेन मददगार नहीं रहा है। वह हमेशा कहता रहा है कि अगर किसी के पास वैध यात्रा दस्तावेज है तब उस व्यक्ति को वापस नहीं भेजा जा सकता है।
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उन्होंने कहा, इसके बाद वे उम्मीद करते हैं कि प्रत्यर्पण का रास्ता अपनाया जाए जो कानून सम्मत है। इस संबंध में एक बार अदालत में आरोपपत्र दायर होने पर प्रत्यर्पण की प्रक्रिया शुरू हो जाती है। मैं समझता हूं कि एजेंसियां उपलब्ध विकल्पों के तहत हर संभव कदम उठायेगी। उल्लेखनीय है कि माल्या राजनयिक पासपोर्ट का उपयोग करते हुए दो मार्च को भारत छोड़ कर चले गए थे। भारत ने 28 अप्रैल को ब्रिटेन से माल्या को वापस भेजने (डिपोर्ट) को कहा था। माल्या के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया गया है।
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