नई दिल्ली। बिजली मंत्री आर के सिंह ने मंगलवार को कहा कि भाजपा की अगुवाई में पिछले चार साल में क्षेत्र में हुआ विकास आंखे खोलने वाली है और इस दौरान कुल विद्युत उत्पादन क्षमता में रिकार्ड एक लाख मेगावाट से अधिक की वृद्धि हुई है। बिजली मंत्री ने कहा कि पिछली सरकारों की 48 साल की तुलना में मौजूदा सरकार की 48 महीने में जो उपलब्धियां हासिल की है, वह आंखे खोलने वाली है। भाजपा सरकार के चार साल पूरे होने के मौके पर आयोजित विशेष संवाददाता सम्मेलन में सिंह ने कहा कि पूर्व सरकारों में जहां क्षमता में सालाना औसतन 4,800 मेगावाट का इजाफा हुआ वहीं हमने हर वर्ष 24,000 मेगावाट क्षमता जोड़ी। वहीं पारेषण (ट्रांसमिशन) क्षमता में हमने हर साल 25,000 सर्किट किलोमीटर (सीकेएम) क्षमता सृजित की जबकि पिछली सरकारों में यह 3,400 सीकेएम थी।
उन्होंने कहा कि पिछले चार साल में एक लाख मेगवाट बिजली क्षमता जोड़ी गयी और एक लाख सर्किट किलोमीटर अंतर-राज्यीय पारेषण क्षमता सृजित हुई। मार्च 2018 में कुल उत्पादन क्षमता 3,44,000 मेगावाट पहुंच गयी जो मार्च 2014 में 2,43,029 मेगावाट थी। सिंह ने कहा कि सभी गांवों को बिजली सुविधा उपलब्ध कराने के बाद अब इस साल दिसंबर तक बिजली से वंचित सभी परिवार को बिजली कनेक्शन उपलब्ध करा दिया जाएगा।
मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के अनुसार अभी करीब 3.13 करोड़ परिवार बिजली से वंचित हैं। पिछले साल सितंबर के अंतिम में सौभाग्य योजना शुरू किये जाने के बाद से अबतक लगभग 67.34 लाख घरों को बिजली पहुंचायी गयी है। मंत्री ने यह कहा कि पिछले साल के मुकाबले कोयला आपूर्ति में 14 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
उन्होंने कहा कि सरकार एक अप्रैल 2019 से सातों दिन 24 घंटे बिजली आपूर्ति करने को लेकर प्रतिबद्ध है और उसके लिये रूपरेखा तैयार किया गया है। नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाल रहे सिंह ने कहा कि अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में भी हमारी क्षमता पिछले चार साल में दोगुनी होकर 70,000 मेगावाट पहुंच गयी है।
सौर ऊर्जा उत्पादन क्षमता 2013-14 के 2,630 मेगावाट से बढ़कर मार्च 2018 में 22,000 मेगावाट तथा पवन ऊर्जा इसी अवधि में 21,000 मेगावाट से बढ़कर 34,000 मेगावाट पहुंच गयी है। सरकार ने 2022 तक अक्षय ऊर्जा स्रोतों से 1,75,000 मेगावाट बिजली उत्पादन क्षमता का लक्ष्य रखा है।