नई दिल्ली। अप्रैल में थोक अधारित महंगाई दर (डब्ल्यूपीआई) (-)0.85 फीसदी से बढ़कर 0.34 फीसदी पर पहुंच गई है। 17 महीने बाद ऐसा हुआ है जब थोक महंगाई दर पॉजिटिव जोन में आई है। इससे पहले रिटेल महंगाई में भी बढ़ोतरी दर्ज की गई थी। अप्रैल में फ्यूल से लेकर सब्जी तक सभी की महंगाई दर में बढ़ोतरी आई है। फूड आर्टिकल इनफ्लेशन 3.73 फीसदी से बढ़कर 4.23 फीसदी पर आ गई है।
सब्जी और दालें हुई महंगी
अप्रैल में सब्जियों की महंगाई दर (-)2.26 फीसदी से बढ़कर 2.21 फीसदी पहुंच गई है। वहीं दालों पर अधारित महंगाई दर 36.36 फीसदी पहुंच गई है। अप्रैल में फ्यूल एंड पावर महंगाई दर -8.30 फीसदी से बढ़कर -4.83 फीसदी पर पहुंच गई है। मासिक आधार पर सभी कमोडिटी इंडेक्स 1.4 फीसदी, प्राइमरी आर्टिकल इंडेक्स 2.1 फीसदी और मैन्युफैक्चर्ड इंडेक्स 0.8 फीसदी ऊपर हैं। हालांकि दूसरे खाने-पीने की चीजें जैसे प्याज और फल की कीमतों में गिरावट देखने को मिली है। पिछले हफ्ते जारी हुए रिटेल महंगाई के आंकड़ों के मुताबिक 4.83 फीसदी से बढ़कर 5.39 फीसदी हो गई।
दरों में कटौती में हो सकती है देरी
एक्सपर्ट्स मानते हैं कि रिटेल के बाज थोक महंगाई में आई बढ़ोतरी को देखते हुए आरबीआई दरों में कटौती को टाल सकता है। हालांकि इस बार मानसून अच्छा आने की उम्मीद है जिससे रघुराम राजन मानसून के बाद महंगाई घटने का इंतजार कर सकते हैं। मानसून अच्छा रहने पर महंगाई नीचे आ सकती है जिसके बाद आरबीआई महंगाई दर घटाने पर विचार कर सकता है। आरबीआई ने FY17 में जीडीपी ग्रोथ 7.6 फीसदी और सीपीआई इनफ्लेशन 5 फीसदी रहने का अनुमान अनुमान लगाया है।