नई दिल्ली। पिछले 18 महीने से नेगेटिव जोन में चल रही थोक महंगाई दर पहली बार पॉजिटिव जोन में दिखाई दी है। दाल, आलू तथा चीनी के दाम चढ़ने से थोक महंगाई में इजाफा देखने को मिला है। केंद्रीय सांख्यकी विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार अप्रैल में मुद्रास्फीति 0.34 फीसदी पर पहुंच गई। पिछले महीने मार्च में थोकमूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति शून्य से 0.85 फीसदी नीचे थी। मौजूदा गणना में दालें 36 फीसदी, आलू 35 फीसदी और चीनी 16 फीसदी महंगी हुई है।
सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, मासिक थोकमूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति की सालाना दर शून्य से उपर निकलकर 0.34 फीसदी अस्थायी आंकड़ा) हो गई जो कि पिछले महीने शून्य से 0.85 फीसदी नीचे थी। एक साल पहले इसी माह में यह शून्य से 2.43 फीसदी नीचे थी। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार नकारात्मक रख से बाहर निकलते हुए थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति अप्रैल में सकारात्मक दायरे में आ गई। इस दौरान खनिजों तथा ईंधन के दाम कम हुए।
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वहीं दूसरी ओर दालें 36.36 फीसदी, आलू 35.45 फीसदी तथा चीनी 16.07 फीसदी महंगे हुए। अप्रैल में खनिजों के दाम 27.24 फीसदी घटे। प्याज कीमतों में 18.18 फीसदी तथा ईंधन और बिजली में 4.83 फीसदी की गिरावट आई। मुद्रास्फीति के आंकड़ों पर फिक्की के अध्यक्ष हर्षवर्धन नियोतिया ने उम्मीद जताई कि रिजर्व बैंक 7 जून को एक स्वीकार्य मौद्रिक नीति पेश करेगा। नियोतिया ने कहा, यह महत्वपूर्ण होगा कि सुधारों की रफ्तार को कायम रखा जाए। रिजर्व बैंक की जमीनी स्थिति पर निगाह है। जून की मौद्रिक नीति घोषणा में हमें सामंजस्य बैठाने वाला रख दिखाई देगा।
इनकी बढ़ी कीमतें
खाद्य मुद्रास्फीति अप्रैल में 4.23 फीसदी रही जबकि मार्च में यह 3.73 फीसदी पर थी। सब्जियों की महंगाई दर इस अप्रैल में 2.21 फीसदी रही। दालों के दाम 36.36 फीसदी बढ़ गए जो मार्च में 34.45 फीसदी बढ़े थे। अप्रैल में फलों के दामों की वृद्धि शून्य से 2.38 फीसदी नीचे रही। वहीं पेट्रोल के दाम 4.18 फीसदी घटे जबकि एलपीजी के दाम 1.84 फीसदी घटे। वहीं विनिर्मित उत्पादों की मूल्यवृद्धि बढ़कर अप्रैल में 0.71 फीसदी हो गई।
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सरकार ने फरवरी के थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति के आंकड़ों को संशोधित कर शून्य से 0.85 फीसदी नीचे कर दिया है। पहले यह आंकड़ा 0.91 फीसदी था। डेलायट इंडिया की वरिष्ठ अर्थशास्त्री रिचा गुप्ता ने कहा, थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति के आंकड़े सकारात्मक दायरे में आने से निकट भविष्य में मौद्रिक रख में नरमी की गुंजाइश नहीं रह गई है। पिछले सप्ताह आए आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित या खुदरा मुद्रास्फीति अप्रैल में बढ़कर 5.39 फीसदी हो गई, जो इससे पिछले महीने 4.83 फीसदी पर थी।
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