नई दिल्ली। मार्च महीने में थोक महंगाई दर (WPI) में गिरावट देखने को मिली है। यह फरवरी महीने के मुकाबले 6.55 फीसदी से गिरकर 5.70 फीसदी पर आ गई है। थोक महंगाई दर में कमी की मुख्य वजह फ्यूल और पावर कीमतों में आई गिरावट है। हालांकि, खाने-पीने की महंगाई दर में इजाफा हुआ है। यह 2.69 फीसदी से बढ़कर 3.12 फीसदी पर पहुंच गई है।
थोक महंगाई दर गिरी, खाने-पीने की चीजों की महंगाई बढ़ी
मार्च में थोक महंगाई दर 5.70 फीसदी रही है जबकि फरवरी में थोक महंगाई दर 6.55 फीसदी रही थी। हालांकि मार्च में खाले पीने की महंगाई में इजाफा हुआ है।
महीने दर महीने आधार पर मार्च में खाने पीने की वस्तुओं की थोक महंगाई 2.69 से बढ़कर 3.12 फीसदी रही है वहीं मैन्युफैक्चर्ड वस्तुओं की थोक महंगाई फारवरी के 3.66 फीसदी घटकर 2.99 फीसदी रही है।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार खाद्य वस्तुओं की कीमत में मार्च में 3.12 प्रतिशत की तीव्र वृद्धि हुई जबकि इससे पूर्व माह में इसमें 2.69 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।
इसका प्रमुख सब्जियों के दाम में उछाल है। सब्जियों की महंगाई दर 5.70 प्रतिशत रही। फलों के मामले में मुद्रास्फीति 7.62 प्रतिशत रही। वहीं अंडा, मांस और मछली की महंगाई दर 3.12 प्रतिशत रही।
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फ्यूल और पावर महंगाई में कमी
महीने दर महीने आधार पर फ्यूल पावर की महंगाई दर 21.02 फीसदी से घटकर 18.16 फीसदी हो गई है। महीने दर महीने के आधार पर मार्च में प्राइमरी आर्टिकल्स की महंगाई दर भी घटी है।
कोर महंगाई दर में आई गिरावट
महीने दर महीने आधार पर मार्च में प्राइमरी आर्टिकल्स की महंगाई दर 5 फीसदी से घटकर 4.63 फीसदी रही है। मार्च में कोर महंगाई में भी गिरावट दर्ज की गई है। महीने दर महीने आधार पर मार्च में कोर महंगाई दर 2.4 फीसदी से घटकर 2.1 फीसदी रही है।
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क्यों आई गिरावट
नॉन फूड आर्टिकल जैसे फूल, बीज, कच्चा रेशम, कॉटन के साथ-साथ फ्यूल और पावर कीमतों में आई गिरावट से महंगाई दर में कमी देखने को मिली है। वहीं,मैन्यूफैक्चर्ड प्रोडक्ट्स जैसे चाय, आटा, खाने का तेल की कीमतें गिरने का असर भी महंगाई दर पर पड़ा है।