Highlights
- भारतीय मूल के पराग अग्रवाल को ट्विटर का नया सीईओ बनाया गया है
- पराग अब दुनिया की टॉप 500 कंपनियों के सबसे युवा सीईओ बन गए हैं
- ट्विटर के नए सीईओ पराग अग्रवाल ने आईआईटी बॉम्बे के प्रोडक्ट हैं
Who Is Parag Agrawal: दुनिया की प्रमुख टेक कंपनियों के भारतीय सीईओ की लिस्ट में सोमवार रात नया नाम जुड़ गया है। भारतीय मूल के पराग अग्रवाल को ट्विटर का नया सीईओ बनाया गया है। पराग कंपनी के सह संस्थापक और अभी तक सीईओ रहे जैक डॉर्सी(Jack Dorsey) की जगह कंपनी की कमान संभालेंगे। कंपनी के फैसले के बाद पराग ने ट्विटर के सीईओ का पद ग्रहण कर लिया है। इसके साथ ही 37 साल के पराग अब दुनिया की टॉप 500 कंपनियों के सबसे युवा सीईओ बन गए हैं। आखिर पराग अग्रवाल कौन हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में सब कुछ।
कौन हैं पराग अग्रवाल? Who Is Parag Agrawal
सीईओ के पद पर नियुक्ति से पहले पराग अग्रवाल ट्विटर में सीटीओ यानी चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर के पद पर कार्यरत थे। एडम मेसिंगर के दिसंबर 2016 में कंपनी छोड़ने के बाद पराग को यह जिम्मेदारी मिली थी। हालांकि आधिकारिक रूप से उन्हें सीटीओ पद पर नियुक्त करने की घोषणा 8 मार्च 2018 में हुई। पराग अग्रवाल ने ट्विटर पर ट्वीट्स की अहमियत को बढ़ाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर जो काम किया था, उसकी खूब सराहना हुई थी। जब वह स्टैंडफोर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ रहे थे, उस दौरान उन्होंने माइक्रोसॉफ्ट, याहू और एटीएंडटी जैसी दिग्गज कंपनियों में इंटर्नशिप भी की थी।
आईआईटी बॉम्बे से पढ़े हैं पराग
ट्विटर के नए सीईओ पराग अग्रवाल ने आईआईटी बॉम्बे के प्रोडक्ट हैं। उन्होंने यहां से इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की है। इसके अलावा उन्होंने स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी से कम्प्यूटर साइंस में डॉक्टरेट किया है। पराग अग्रवाल 2011 से ही ट्विटर में काम कर रहे हैं और 2017 से कंपनी के सीटीओ के पद पर नियुक्त हैं। जब वह कंपनी में शामिल हुए थे तब ट्विटर के कर्मचारियों की संख्या 1,000 से भी कम हुआ करती थी।
कितना होगा पराग का वेतन
‘द न्यूयॉर्क टाइम्स’ की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अग्रवाल को बोनस, प्रतिबंधित शेयरों और प्रदर्शन-आधारित शेयर इकाइयों के अलावा सालाना 10 लाख डॉलर का वेतन मिलेगा।
जैक डोर्सी ने क्यों दिया इस्तीफा?
जैक डोर्सी वित्तीय भुगतान कंपनी स्क्वायर के भी सीईओ हैं। स्क्वायर की स्थापना उन्होंने ही की है। ऐसे में कुछ बड़े निवेशकों ने जैक डोर्सी के एक साथ दो कंपनी के सीईओ होने पर सवाल उठाए थे। सवाल किए जा रहे थे कि क्या वह प्रभावी रूप से दोनों कंपनियों का नेतृत्व कर सकते हैं? इसी के चलते उन्होंने इस्तीफा देने का फैसला किया। जैक डोर्सी ने ही 15 पहले मार्च 2006 में ट्विटर की स्थापना की थी और फिर 2008 तक कंपनी के सीईओ भी रहे।