नई दिल्ली। देश में गेहूं उत्पादन फसल वर्ष 2017-18 में 2.31 प्रतिशत घटकर 9.61 करोड़ टन रह सकता है। इसका कारण गेहूं के रकबे का दूसरे फसलों में उपयोग किया जाना है। निजी कृषि जिंस प्रबंधन तथा सेवा कंपनी एनसीएमएल ने आज यह कहा। हालांकि सरकार गेहूं और अन्य रबी फसलों को लेकर फसल वर्ष 2017-18 (जुलाई-जून) के लिये अब तक कोई आधिकारिक अनुमान जारी नहीं किया है लेकिन कृषि मंत्रालय का अनुमान है कि इस साल गेहूं उत्पादन रिकार्ड 10 करोड़ टन रह सकता है।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार फसल वर्ष 2016-17 में गेहूं उत्पादन फसल वर्ष 2017-18 में 9.84 करोड़ टन रहा था। नेशनल कालेटरल मैनेजमेंट सर्विसेज लि. (एनसीएमएल) ने एक बयान में कहा, ‘‘सरकार के गेहूं उत्पादन 10 करोड़ टन के पार करने के अनुमान के विपरीत एनसीएमएल का अनुमान है कि 2017-18 में गेहूं उत्पादन 9.61 करोड़ टन रहेगा।’’ उसने कहा कि इसकी वजह गेहूं के रकबे में 4 प्रतिशत कमी आना है क्योंकि किसानों ने दूसरी फसल को तरजीह दी।
सोयाबीन उत्पादन भी इस साल रबी मौसम में कम होकर 91.5 लाख टन रहने का अनुमान है जो पिछले साल 1.38 करोड़ टन था। हालांकि चावल क उत्पादन इस साल रबी मौसम में बढ़कर 1.45 करोड़ टन रह सकता है जो इससे पूर्व वर्ष में 1.38 करेाड़ टन था। दलहन, चना उत्पादन फसल वर्ष 2017-18 के रबी मौसम में बढ़कर 97.1 लाख टन रहने का अनुमान है जो पिछले साल इसी अवधि में 93.3 लाख टन था। इसका कारण रकबे में वृद्धि है।