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MSP पर अपनी फसल बेचने के लिए किसानों के पास है बस आज का दिन, लाभ लेने के लिए तुरंत कराएं पंजीकरण

मध्‍य प्रदेश सरकार ने एक बयान में कहा कि जिन किसान भाइयों ने समर्थन मूल्य पर उपज विक्रय के लिए अभी तक पंजीयन नहीं कराया है वह आज ही पंजीयन कराकर समर्थन मूल्य का लाभ सुनिश्चित करें।

Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: March 05, 2021 11:23 IST
wheat procurement on msp mp farmers get relief - India TV Paisa
Photo:FILE PHOTO

wheat procurement on msp mp farmers get relief

भोपाल। मध्‍य प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार ने राज्‍य के किसानों को बड़ी राहत प्रदान की है। मध्‍य प्रदेश सरकार ने किसानों से रबी विपणन वर्ष 2021-22 के तहत न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य (MSP) पर उपज खरीद के लिए पंजीयन व्‍यवस्‍था की शुरुआत की है। सरकार पंजीयन कराने वाले किसानों से ही उनकी उपज एमएसपी पर खरीदेगी। एमएसपी पर उपज बिक्री के लिए पंजीयन कराने की अंतिम तिथि 5 फरवरी, 2021 थी। लेकिन सरकार ने इसे बढ़ाकर अब 5 मार्च, 2021 कर दी है। पंजीयन कराने का आज अंतिम दिन है।

मध्‍य प्रदेश सरकार ने एक बयान में कहा कि जिन किसान भाइयों ने समर्थन मूल्य पर उपज विक्रय के लिए अभी तक पंजीयन नहीं कराया है वह आज ही पंजीयन कराकर समर्थन मूल्य का लाभ सुनिश्चित करें। पंजीयन की आज अंतिम तिथि है। रबी विपणन वर्ष 2021-22 के तहत पंजीयन कराने से चूके प्रदेश के किसान भाइयों को राज्य सरकार ने एक और अवसर प्रदान किया है। अब राज्य के किसान समर्थन मूल्य पर गेहूं, चना, मसूर और सरसों के उपार्जन के लिए 3 मार्च से 5 मार्च तक सहकारी समिति स्तर के केंद्रों पर पंजीयन करा सकते हैं।

प्रदेश में अब तक 21 लाख 6 हजार किसानों ने ई-उपार्जन पोर्टल पर पंजीयन कराया है, जो विगत वर्ष की तुलना में 1 लाख 59 हजार अधिक है। उल्‍लेखनीय है कि किसान पंजीयन का कार्य प्रदेश के 3518 केंद्रों पर किया जा रहा है।

कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा कि किसानों की उपज को न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य पर खरीदने के लिए रबी उपज गेहूं, चना, मसूर एवं सरसों की खरीदी के लिए किसान अपना पंजीयन 5 मार्च तक करा सकेंगे। किसानों का पंजीयन सिर्फ सहकारी समितियों के केंद्रों पर ही किया जाएगा।

मंत्री ने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया कि खरीद व्‍यवस्‍था इस प्रकार रखी जाए ताकि प्रतिदिन खरीद के लिए किसान उपलब्‍ध रहें, जिससे खरीद केंद्रों पर एक साथ किसानों की भीड़ न हो और खरीदी भी सहजता से की जा सके। उन्‍होंने अधिकारियों से 72 घंटे के भीतर खरीदी गई उपज के ट्रांसपोट्रेशन को भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

उपज खरीद के लिए बारदानें एवं गोदाम की व्‍यवस्‍था वेयर हाउसिंग कॉर्पोरेशन द्वारा की जा रही है। भारत सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक सिर्फ जूट के बारदाने ही खरीदे जा सकते हैं। जूट के बारदाने प्रदाय करने वाला प्रमुख एवं बड़ा राज्‍य पश्चिम बंगाल है, जहां से खरीदी की कार्यवाही की जा रही है।

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