नई दिल्ली। अगले महीने जून में समाप्त हो रहे इस फसल वर्ष में देश में रिकॉर्ड 9.74 करोड़ टन गेहूं पैदावार का अनुमान है। मानसून अच्छा रहने से फसल वर्ष 2016-17 में गेहूं उपज का यह नया रिकार्ड बनने जा रहा है। देश में इससे पहले पिछले फसल वर्ष (जुलाई से जून 2015-16) के दौरान 9.23 करोड़ टन गेहूं पैदा हुआ था। गेहूं रबी मौसम की मुख्य फसल होती है।
इन दिनों गेहूं की फसल खेतों से निकाली जा रही है। गेहूं उपज का इससे पिछला रिकॉर्ड 2013-14 में 9.58 करोड़ टन रहा है। खाद्यान्न पैदावार के बारे में आज जारी तीसरे अनुमान में कृषि मंत्रालय ने इस साल गेहूं उपज के आंकड़े में आठ लाख टन वृद्धि की है। मौसम ठीक रहने से गेहूं उपज के आंकड़े में यह बदलाव आया है। दलहन पैदावार भी पिछले साल के 1.63 करोड़ टन के मुकाबले संशोधन के बाद मामूली बढ़त के साथ रिकॉर्ड 2.24 करोड़ टन पर पहुंच गया है।
गेहूं और दलहन उपज के नए अनुमान सामने आने के बाद अब चालू फसल वर्ष में कुल खाद्यान्न उत्पादन रिकॉर्ड 27 करोड़ 33 लाख 80 हजार टन रहने का अनुमान है। कृषि मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि वर्ष 2016 में मानसून की बरसात अच्छी होने तथा सरकार की तरफ से की गई विभिन्न नीतिगत पहल के परिणामस्वरूप इस साल देश में रिकॉर्ड खाद्यान्न उत्पादन हुआ है।
कुल खाद्यान्न उत्पादन में गेहूं, चावल, मोटे अनाज, दालें आदि शामिल होती हैं। ये फसलें मुख्स तौर पर रबी और खरीफ मौसम में उगाई जातीं हैं। देश में लगातार दो साल सूखा पड़ने के बाद पिछले साल मानसून सामान्य रहा, जिसकी बदौलत रिकॉर्ड खाद्यान्न पैदावार हुई है। देश की 50 प्रतिशत से अधिक खेती मानसून की वर्षा पर निर्भर है।