नई दिल्ली। WhatsApp यूजर्स के लिये राहत की खबर है। कंपनी ने प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर दी गयी 15 मई की समयसीमा हटा दी है। यानि 15 मई तक जो यूजर प्राइवेसी पॉलिसी को स्वीकार नहीं करते हैं, उनके अकाउंट बंद नहीं होंगे। व्हाट्सएप की नई प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर काफी विवाद छिड़ा हुआ था। इसे यूजर्स की प्राइवेसी पर हमला करार दिया जा रहा था। विवाद बढने के साथ कंपनी भी बैक फुट पर थी, इसी वजह से कंपनी ने समयसीमा को वापस लेने का फैसला कर लिया। पीटीआई को दिये गये एक बयान में कंपनी ने कहा कि इस अपडेट की वजह से भारत में किसी भी अकाउंट को डिलीट नहीं किया जायेगा, और न ही भारत मे किसी को इसकी वजह से व्हाट्सएप का इस्तेमाल करने से रोका जायेगा। हालांकि कंपनी ने ये नहीं बताया कि समयसीमा हटाने का फैसला क्यों किया गया है।
मार्च के महीने में प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने अपने जांच महानिदेशालय को व्हाट्सएप की नयी प्राइवेसी पॉलिसी की जांच करने का निर्देश दिया था। आदेश देते वक्त सीसीआई ने कहा था कि पॉलिसी को अपडेट करने के नाम पर व्हाट्सएप ने अपने ‘शोषक और विभेदकारी’ व्यवहार के जरिये प्रथम दृष्टया प्रतिस्पर्धा कानून के प्रावधानों का उल्लंघन किया है। व्हाट्सएप एलएलसी और उसकी मूल कंपनी फेसबुक के खिलाफ यह आदेश आयोग ने इस मामले में मीडिया रिपोर्ट के आधार पर स्वत: संज्ञान लेते हुए दिया है। वहीं सुप्रीम कोर्ट भी इस पॉलिसी को लेकर सख्त टिप्पणी कर चुका है।
हालांकि, व्हाट्सएप ने कहा कि 2021 का अपडेट उसकी फेसबुक के साथ डाटा साझा करने की क्षमता को बढ़ाता नहीं है। इसका मकसद व्हॉट्सएप द्वारा जुटाए जाने वाले डाटा, उसके इस्तेमाल और उसको साझा करने को लेकर और पारदर्शिता लाना है। हालांकि, सीसीआई ने स्पष्ट किया है कि कंपनी के इस तरह के दावों की पुष्टि डीजी की जांच के बाद ही हो सकती है। आयोग ने कहा कि प्रयोगकर्ता अपने व्यक्तिगत आंकड़ों के मालिक हैं। उनके पास यह जानने का पूरा अधिकार है कि व्हॉट्सएप द्वारा फेसबुक की अन्य कंपनियों को ऐसी सूचनाओं को साझा करने का क्या मकसद है।
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