नई दिल्ली। एक जुलाई से गुड्स एंड सर्विसेस टैक्स (GST) लागू होने के बाद आपके मनोरंजन पर होने वाले खर्च पर क्या प्रभाव पड़ेगा? इस सवाल का उत्तर राहत देने वाला है, जीएसटी के बाद मनोरंजन पर चुकाई जाने वाली कीमत कम होने की पूरी संभावना है, क्योंकि कुलमिलाकर इसका प्रभाव मिश्रित होगा। नीचे हम आपको विभिन्न एंटरटनेमेंट सेवाओं पर जीएसटी से पड़ने वाले प्रभावों के बारे में विस्तार से बता रहे हैं।
मूवीज
वर्तमान में, राज्य सरकारों द्वारा लगाए जाने वाले एंटरटेनमेंट टैक्स के आधार पर मूवी टिकट की कीमत तय होती है। राज्यों में, यह एंटरटेनमेंट टैक्स 0 से लेकर 110 प्रतिशत तक है। यदि आप उच्च एंटरटेनमेंट टैक्स वाले राज्य जैसे झारखंड (110 प्रतिशत) या उत्तर प्रदेश (60 प्रतिशत) हैं, तो अब आपको केवल 28 प्रतिशत टैक्स देना होगा। इस प्रकार मूवी देखने के लिए आपको टिकट पर कम पैसा खर्च करना होगा। लेकिन असम, हिमाचल प्रदेश, पंजाब और उत्तराखंड जैसे राज्यों के लोगों को मूवी टिकट के लिए ज्यादा पैसे खर्च करने होंगे, क्योंकि इन राज्यों में अभी एंटरटेनमेंट टैक्स 0 है।
डीटीएच और केबल सर्विसेस
डायरेक्ट-टू-होम (डीटीएच) और केबल सर्विसेस भी 1 जुलाई से सस्ती हो जाएंगी। जीएसटी परिषद ने केबल सर्विसेस और डीटीएच के लिए 18 प्रतिशत टैक्स रेट तय किया है। वर्तमान में, इन सेवाओं पर राज्यों में 10-30 प्रतिशत तक का एंटरटेनमेंट टैक्स और 15 प्रतिशत सर्विस टैक्स लगता है।
एम्यूजमेंट पार्क
रेस्टॉरेंट्स और ढाबा
जुलाई से फाइव स्टार होटल के रेस्टॉरेंट में खाना खाने के लिए आपको 18 प्रतिशत टैक्स देना होगा। नॉन-एसी रेस्टॉरेंट में यह टैक्स केवल 12 प्रतिशत होगा, वहीं एसी रेस्टॉरेंट के लिए टैक्स की दर 18 प्रतिशत होगी। 50 लाख रुपए सालाना टर्नओवर वाले छोटे होटल, रेस्टॉरेंट और ढाबा पर केवल 5 प्रतिशत टैक्स लगेगा। वर्तमान में होटल बिल पर सर्विस टैक्स, वैट, स्वच्छ भारत सेस और कृषि सेस आदि मिलाकर कुल 20 प्रतिशत टैक्स लगता है। इस लिहाज से देखा जाए तो अब बाहर खाना सस्ता हो जाएगा।
क्रिकेट और कंसर्ट
आईपीएल जैसे खेल आयोजन पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगेगा, जो कि वर्तमान 20 प्रतिशत टैक्स से बहुत अधिक होगा। इससे टिकट का दाम बढ़ जाएगा। सर्कस, थिएटर, लोक नृत्य सहित इंडियन क्लासिक डांस और ड्रामा पर 18 प्रतिशत टैक्स लेगा, जो कि मौजूदा टैक्स से कम होगा।