नई दिल्ली। कमजोर निर्यात, ग्रामीण क्षेत्रों में समस्याएं, कर्ज की दिक्कतें तथा चुनाव परिणाम को लेकर अनिश्चितता के कारण निकट भविष्य में देश का औद्योगिक उत्पादन सुस्त बना रह सकता है। एक रिपोर्ट में सोमवार को यह आशंका व्यक्त की गई है।
डन एंड ब्रैडस्ट्रीट के हालिया आर्थिक पूर्वानुमान में औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) के फरवरी 2019 में 3 से 3.20 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान व्यक्त किया गया। डन एंड ब्रैडस्ट्रीट इंडिया के मुख्य अर्थशास्त्री अरुण सिंह ने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था की दिक्कतों और घरेलू संरचनात्मक बाधाओं के कारण वृद्धि को लेकर चिंता बनी हुई है।
उन्होंने कहा कि वैश्विक मोर्चे पर आशंकाएं मजबूत होते जाने तथा घरेलू मोर्चे पर चुनाव परिणाम को लेकर अनिश्चितता से निवेशकों की गतिविधियां कम रहने के कारण निकट भविष्य में जोखिम बढ़ा रह सकता है। कीमतों के बारे में रिपोर्ट में कहा गया कि खाद्य कीमतों में तेजी आने से मुद्रास्फीति बढ़ सकती है। हालांकि चुनाव संबंधी खर्च बढ़ने और खरीफ फसल का उत्पादन कम रहने से मुद्रास्फीति के मोर्चे पर अतिरिक्त दबाव रहेगा।
रिपोर्ट में मार्च के दौरान उपभोक्ता मूल्या सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति 2.6 से 2.8 प्रतिशत और थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित मुद्रास्फीति 3 से 3.2 प्रतिशत के बीच रहने का अनुमान व्यक्त किया गया है।
सिंह ने बैंक क्षेत्र में एनपीए, जीएसटी में कम कर संग्रह, सुस्त ग्रामीण अर्थव्यवस्था और दूरसंचार, विद्युत तथा रीयल एस्टेट जैसे प्रमुख क्षेत्रों में समस्याओं को भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए प्रधान जोखिम माना।