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Waterway Highways : तैयार होगा नया ट्रांसपोर्टेशन इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर, 10 गुना घटेगी माल ढुलाई की लागत

भारतीय जलमार्ग अधिनियम का लक्ष्‍य भारत में ट्रांसपोर्टेशन इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर को पुन: परिभाषित करना है। यह बिल 106 इनलैंड वाटरवे को राष्‍ट्रीय जलमार्ग बनाएगा।

Dharmender Chaudhary
Published : March 13, 2016 8:16 IST
Waterway Highways : तैयार होगा नया ट्रांसपोर्टेशन इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर, 10 गुना घटेगी माल ढुलाई की लागत
Waterway Highways : तैयार होगा नया ट्रांसपोर्टेशन इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर, 10 गुना घटेगी माल ढुलाई की लागत

नई दिल्‍ली। इस हफ्ते बुधवार को संसद में एक बिल बिना किसी हल्‍ला-गुल्‍ला के पास हो गया। कुछ लोग इस बिल को भारतीय समुद्री इतिहास को पुर्नभाषित करने वाला बता रहे हैं, तो कुछ लोग इसे अति महात्‍वाकांक्षी। भारतीय जलमार्ग अधिनियम का लक्ष्‍य भारत में ट्रांसपोर्टेशन इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर को पुन: परिभाषित करना है। यह बिल 106 अंतर्देशीय जलमार्ग (इनलैंड वाटरवे) को राष्‍ट्रीय जलमार्ग की सूची में शामिल करेगा, जिससे देश में कुल राष्‍ट्रीय जलमार्ग की संख्‍या बढ़कर 111 हो जाएगी।

घटेगी ट्रांसपोर्टेशन लागत

केंद्रीय सड़क परिवहन, राजमार्ग एवं शिपिंग मंत्री नितिन गडकरी के मुताबिक जलमार्ग के जरिये ढुलाई शुरू होने से ट्रांसपोर्टेशन की लागत 10 गुना तक कम हो जाएगी, जिससे सभी को फायदा होगा। उन्‍होंने बताया कि एक स्‍टडी के मुताबिक सड़क मार्ग से ट्रांसपोर्टेशन का खर्च प्रति किलोमीटर 2.5 रुपए आता है, जबकि रेल मार्ग से यह खर्च 1.5 रुपए प्रति किलोमीटर है। जलमार्ग से ट्रांसपोर्टेशन का खर्च प्रति किलोमीटर लगभग 25 पैसा आएगा। भारत में कुल 14,500 किलोमीटर का जलमार्ग है। आधिकारिक आंकड़ो के मुताबिक तकरीबन 34 फीसदी भारतीय माल की ढुलाई वर्तमान में अंतरराष्‍ट्रीय हब पोर्ट के जरिये होती है, इसके परिणामस्‍वरूप भारतीय पोर्ट को राजस्‍व का नुकसान हो रहा है और साथ ही साथ उपभोक्‍ताओं पर उच्‍च लागत का बोझ पड़ रहा है।

प्रदूषण घटेगा और दुर्घटना होंगी कम

अंतर्देशीय जलमार्ग के जरिये माल ढुलाई करने से न केवल कार्बन उत्‍सर्जन कम करने में मदद मिलेगी बल्कि इससे सड़क दुर्घटनाओं में भी कमी लाई जा सकेगी। अंतर्देशीय जलमार्ग सड़क और रेलवे की तुलना में पांच गुना ज्‍यादा माल की ढुलाई कर सकने में सक्षम हो सकते हैं। जलमार्ग तंत्र का निर्माण और देखरेख अन्‍य माध्‍यमों की तुलना में भी बहुत सस्‍ता है।

सरकार का है फोकस

वित्‍त मंत्री अरुण जेटली ने अपने बजट भाषण में देश में नए ग्रीनफील्‍ड पोर्ट विकसित करने की घोषणा की है। उन्‍होंने यह भी कहा है कि नेशनल हाईवे की तर्ज पर देश में नेशनल वाटरवे विकसित किए जाएंगे। सरकार की योजना वाराणसी से हल्दिया के बीच गंगा नदी पर अंतर्देशीय जलमार्ग बनाने की है, जिसमें 30 पोर्ट होंगे। सागरमाला प्रोजेक्‍ट के तहत सरकार की योजना 7500 किलोमीटर जल सीमा पर पोर्ट इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर विकसित करना है। आने वाले महीनों में शिपिंग सेक्‍टर में 70,000 करोड़ रुपए का निवेश आने की भी उम्‍मीद है। भारत के 12 प्रमुख पोर्ट वर्तमान में तकरीबन 60 करोड़ टन कार्गो ट्रैफि‍क को हैंडल करते हैं। सरकार ने अगले पांच साल में इस क्षमता को दोगुना करने का लक्ष्‍य रखा है।

शुरुआत हुई बेहतर

इस साल फरवरी में ऑटोमोबाइल मैन्‍युफैक्‍चरर्स हुंडई ने चेन्‍न्‍ई पोर्ट से 800 कारों को पानी के जहाज से गुजरात में पीपावाव पोर्ट के लिए भेजा। यह पहली बार था जब हुंडई ने घरेलू बाजार के लिए पानी के जहाज का इस्‍तेमाल किया। चेन्‍नई पोर्ट अब अन्‍य दूसरी कंपनियों से भी इसका इस्‍तेमाल बढ़ाने के लिए बातचीत कर रहा है।

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