बेंगलुरु। वॉलमार्ट इंक और फ्लिपकार्ट ग्रुप ने शनिवार को घोषणा की है कि वॉलमार्ट इनवेस्टमेंट ने फ्लिपकार्ट में 77 प्रतिशत हिस्सेदारी का अधिग्रहण सौदा पूरा कर लिया है। वॉलमार्ट अब फ्लिपकार्ट में सबसे बड़ी शेयरधारक कंपनी बन गई है। उल्लेखनीय है कि फ्लिपकार्ट भारत की अग्रणी ई-कॉमर्स वेबसाइट है।
वॉलमार्ट ने अपने एक ट्विट में कहा है कि फ्लिपकार्ट के टैलेंट, टेक्नोलॉजी और लोकल इनसाइट के साथ वॉलमार्ट का खुदरा अनुभव, सप्लाई चेन जानकारी और वित्तीय मजबूती भारत के रिटेल बाजार में एक नई लहर पैदा करेगी। वॉलमार्ट इंटरनेशनल के अध्यक्ष और सीईओ जुडी मैककेन्ना ने कहा कि वॉलमार्ट और फ्लिपकार्ट दोनों साथ मिलकर वह हासिल करेंगे, जो दोनों अलग-अलग रहकर कभी नहीं कर सकते थे। दोनों कंपनियां मिलकर भारत की आर्थिक वृद्धि में सहयोग करेंगी। उन्होंने आगे कहा कि हमारे इस निवेश से भारत को फायदा होगा, उपभोक्ताओं को गुणवत्तापूर्ण और किफायती उत्पाद उपलब्ध होंगे, जबकि सप्लायर्स को नया कौशल और अवसर मिलेगा।
फ्लिपकार्ट के सह-संस्थापक बिन्नी बंसल ने कहा कि भारत के लिए इस पार्टनरशिप को पूर्ण मूल्य प्रदान करने के लिए हम तैयार हैं। फ्लिपकार्ट की मौजूदा प्रबंधन टीम आगे भी कारोबार को देखेगी। टेनसेंट होल्डिंग्स लिमिटेड और टाइगर ग्लोबल मैनेजमेंट एलएलसी भी फ्लिपकार्ट के बोर्ड में बने रहेंगे, इसके अलावा वॉलमार्ट से और स्वतंत्र निदेशक बोर्ड में शामिल किए जाएंगे। बोर्ड फ्लिपकार्ट की कोर वैल्यू और एंटरप्रेन्योरिअर स्प्रिट को बनाए रखेगा।
सौदे के पूरा होने के बाद फ्लिपकार्ट में वॉलमार्ट की हिस्सेदारी 77 प्रतिशत होगी, शेष हिस्सेदारी अन्य शेयरधारकों के पास रहेगी, जिसमें फ्लिपकार्ट के सह-संस्थापक बिन्नी बंसल, टेनसेंट, टाइगर ग्लोबल और माइक्रोसॉफ्ट कॉर्प शामिल हैं। फ्लिपकार्ट की वित्तीय जानकारी अब वॉलमार्ट के इंटरनेशनल बिजनेस सेगमेंट का हिस्सा होगी। वॉलमार्ट नई इक्विटी वित्त पोषण के तौर पर फ्लिपकार्ट में 2 अरब डॉलर का निवेश करेगी।