नई दिल्ली। वाधवानी फाउंडेशन (डब्ल्यूएफ) ने दस परोपकारी संस्थाओं और गैर सरकारी संगठनों को दस लाख डॉलर का ग्रांट देने की घोषणा की है। इसके जरिये भारत में कोविड-19 से होने वाले नुकसानदेह प्रभावों को कम करने में सहायता दी जाएगी। ये ग्रांट कोविड-19 के मरीजों और उनके परिवारों को मेडिकल संसाधन और सहायता मुहैया कराएगी। वाधवानी फाउंडेशन के संस्थापक और चेयरमैन पद्मश्री डॉ. रोमेश वाधवानी ने कहा कि कोविड-19 के मामलों में गंभीर वृद्धि और भारतीय परिवारों पर पड़ रहे भारी भार से निपटने के लिए जरूरी है कि जितने ज्यादा संभव हों, से व्यापक सहायता ली जाए। वाधवानी फाउंडेशन परोपकारी संस्थाओं और संगठनों को सहायता देकर भारतीय परिवारों की पीड़ा कुछ कम करने में सहायता कर सकता है और इस तरह यह सबसे ज्यादा जरूरत के क्षेत्र में अंतिम मील की तात्कालिक सहायता मुहैया करा सकती है।
इस ग्रांट के पहले चरण के लिए वाधवानी फाउंडेशन ने विश फाउंडेशन, गूंज, अमेरिकन इंडियन फाउंडेशन, इंडियासपोरा का चयन किया है।
शर्तों के आधार पर चुनी गई परोपकारी और गैर सरकारी संस्थाओं को कर्मचारियों ने सहायता दी और यह वाधवानी फाउंडेशन के साथ-साथ सिम्फनी एआई के कर्मचारियों से मिली। यह अमेरिकी आधार वाली एंटरप्राइज एआई कंपनी है जिसकी स्थापना डॉ. वाधवानी ने की थी। इसके लिए शुरुआती पांच प्राप्तकर्ताओं का चुनाव वाधवानी फाउंडेशन के लोगों की समीक्षा और विश्लेषण के बाद किया गया था। अतिरिक्त परोपकारी/ एनजीओ प्राप्तकर्ता का निर्धारिण कुछ ही दिनों में किया जाएगा। इन ग्रांट के अलावा वाधवानी फाउंडेशन समर्थन देने वाली किसी भी परोपकारी/एनजीओ संस्था को उतना ही दान देगा जो सिम्फनी एआई या वाधवानी फाउंडेशन के कर्मचारी द्वारा एक सितंबर 2021 तक दिया जाएगा।
ग्रांट का यह कार्यक्रम वाधवानी फाउंडेशन की की सहायता पहल का अनुसरण करेगा ताकि कौशल बढ़ाने और नवीनता के काम किए जा सकें जिससे छोटे और मध्यम आकार के उपक्रमों तथा जन स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को कोविड-19 महामारी के दौरान सहायता मिले। सहायता पहल की घोषणा जुलाई 2020 में भारत में और नवंबर 2020 में मैक्सिको में हुई थी।