फ्रेंकफर्ट। डीजल इमीशन घोटाले का असर जर्मनी की सबसे बड़ी ऑटो कंपनी फॉक्सवैगन की वित्तीय सेहत पर पड़ता दिखाई देने लगा है। बुधवार को कंपनी ने अपनी तीसरी तिमाही के वित्तीय परिणाम घोषित किए। पिछले 15 सालों में पहली बार जुलाई-सितंबर तिमाही में कंपनी को घाटा हुआ है। फॉक्सवैगन को इस वजह से ने अब अपने पूरे वर्ष के लिए अनुमान घटाने को बाध्य होना पड़ा है।
यूएस डीजल इमीशन टेस्ट में धोखाधड़ी करने के लिए अवैधरूप से सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करने की बात स्वीकार करने के छह हफ्ते बाद यूरोप की इस कंपनी ने तीसरी तिमाही के वित्तीय नतीजे घोषित किए हैं। कंपनी ने कहा है कि इस घोटोले की वजह से उसे दुनियाभर में 1.1 करोड़ वाहनों को वापस मंगाने और उनकी मुफ्त में मरम्मत करने के लिए 6.7 अरब यूरो की राशि आवंटित की है। इस वजह से कंपनी को घाटा हुआ है।
Side Effects: फॉक्सवैगन धांधली के बाद फीकी पड़ी प्लैटिनम की चमक, कीमतें 7 साल के निचले स्तर पर
फॉक्सवैगन ने कहा कि इस घोटाले के लिए बड़ी राशि का प्रावधान किए जाने से जुलाई-सितंबर तिमाही में उसे भारी घाटा उठाना पड़ा है। कंपनी को इस दौरान 1.673 अरब यूरो (1.85 अरब डॉलर) का शुद्ध घाटा हुआ, जबकि पिछले साल की इसी अवधि में उसे 2.971 अरब यूरो का मुनाफा हुआ था। कंपनी को घोटाले के शुरुआती खर्च की भरपाई के लिए 6.7 अरब यूरो का भुगतान करना है।
फॉक्सवैगन के 78 साल के इतिहास में यह सबसे बड़ा बिजनेस संकट है। कंपनी ने कहा है कि इस संकट की वजह से इस का उसका संचालन मुनाफा पिछले साल के रिकॉर्ड 12.7 अरब यूरो से कम रहेगा। हालांकि कंपनी ने कहा है कि चालू वित्त वर्ष में उसके वाहनों की बिक्री पिछले साल के रिकॉर्ड 1.014 करोड़ यूनिट के बराबर ही रहेगी।