नई दिल्ली। जर्मन कार निर्माता कंपनी फॉक्सवैगन भारत में 3.23 लाख कारों को रिकॉल करेगी। सरकारी आदेश के बाद की गई जांच में यह पाया गया है कि कंपनी ने इन कारों में उपयोग किए गए डीजल इंजन में उस उपकरण का इस्तेमाल किया है, जिससे उत्सर्जन परीक्षण को गलत ढंग से पास किया जाता है। कंपनी ने इस उपकरण का इस्तेमाल अमेरिका और अन्य अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी किया था। हालांकि अभी रिकॉल की तिथि की घोषणा नहीं की गई है।
एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि फॉक्सवैगन भारत में 3.23 लाख कारों को स्वैच्छिक तौर पर रिकॉल करने के लिए तैयार है। इन कारों में ई189 इंजन का इस्तेमाल किया गया है, जिसमें उत्सर्जन परीक्षण गलत ढंग से पास करने वाला उपकरण लगा हुआ है। ऑटोमोटिव टेस्टिंग एजेंसी एआरएआई द्वारा अपनी रिपोर्ट सौंपने के बाद मंगलवार को कंपनी के प्रतिनिधियों और भारी उद्योग मंत्रालय के अधिकारियों के बीच बैठक हुई। इस बैठक में ही कंपनी ने कारों को रिकॉल करने की बात कही है।
ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एआरएआई) ने अपनी जांच में पाया था कि फॉक्सवैगन द्वारा भारत में निर्मित डीजल कारों, जिनमें ई189 इंजन लगाया गया है, से सड़क पर चलने के दौरान नाइट्रोजन ऑक्साइड का उत्सर्जन तय सीमा से अधिक हो रहा है। इस बैठक में उपस्थित कंपनी के अधिकारियों ने कुछ भी बयान देने से इंकार किया है लेकिन उन्होंने कहा कि जल्द ही कंपनी द्वारा बयान जारी किया जाएगा और रिकॉल की तारीख भी बताई जाएगी।
फॉक्सवैगन ने पहले ही यह स्वीकार्य किया है कि दुनियाभर में 1.1 करोड़ डीजल इंजन कार में सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया गया है, जो उत्सर्जन परीक्षण को गलत ढंग से पास करने में सहायक है। अमेरिका में इस वजह से कंपनी पर 18 अरब डॉलर का जुर्माना लगाया गया है। सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैनयूफैक्चरर्स (सियाम) ने जुलाई 2012 में स्वैच्छिक रिकॉल पॉलिसी जारी की थी, तब से ऑटोमोबाइल कंपनियां सुरक्षा मुद्दों पर वाहनों को रिकॉल कर रही हैं। अभी तक भारत में कुल 13.25 लाख वाहनों को रिकॉल किया जा चुका है।