वॉशिंगटन। उत्सर्जन में धोखाधड़ी के मामले में अमेरिका ने जर्मन ऑटो कंपनी फॉक्सवैगन पर मुकदमा दायर किया है। इस मुकदमे में आरोप लगाया गया है कि कंपनी के सभी ब्रांडों सहित करीब 6 लाख डीजल वाहनों में उत्सर्जन जांच को चकमा देने वाला सॉफ्टवेयर लगे होने से अत्यधिक नुकसानदायक उत्सर्जन हुआ है। जर्मनी की इस कंपनी को 20 अरब डॉलर से अधिक का जुर्माना देना पड़ सकता है।
सोमवार को दायर मुकदमे में न्याय विभाग का आरोप है कि फॉक्सवैगन ने ईपीए व कैलिफोर्निया एयर रिसोर्सेज बोर्ड (सीएआरबी) के पास प्रमाणन के लिए किए गए आवेदन में जिन चीजों का उल्लेख किया था, उनके इतर अलग डिजाइन के मोटर वाहनों का अमेरिका में आयात कर बिक्री की और स्वच्छ वायु कानून का उल्लंघन किया। विभाग ने आरोप लगाया कि करीब छह लाख डीजल इंजन वाहनों में अवैध तरीके से ऐसे त्रुटिपूर्ण उपकरण लगाए गए थे, जो उत्सर्जन नियंत्रण प्रणालियों को विकृत कर देते हैं और हानिकारक वायु प्रदूषण का कारण बनते हैं।
न्याय विभाग के पर्यावरण एवं प्राकृतिक संसाधन प्रभाग की ओर से सहायक महाधिवक्ता जान सी. क्रुडेन ने कहा कि अपनी कारों को उचित ढंग से प्रमाणित करने में विफल रहने वाली और उत्सर्जन नियंत्रण प्रणालियों को चकमा देने वाली कार कंपनियां जनता के साथ विश्वासघात करती हैं, लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करती हैं और प्रतिद्वंद्वी कंपनियों को नुकसान पहुंचाती हैं। यद्यपि न्याय विभाग ने मांगे गए मुआवजे का उल्लेख नहीं किया है, उसके द्वारा निर्धारित 37,500 डॉलर तक के प्रति कार जुर्माने और गड़बड़ी वाले प्रति उपकरण पर 2,750 डॉलर तक तक के जुर्माने के मद्देनजर वाहन कंपनी पर 20 अरब डॉलर तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।